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मोदी सरकार इस आर्थिक पैकेज के जरिए किस तरह का सुधार लाना चाहती है आप भी जानिए

देश में अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए 1991 में जिस तरह से आर्थिक सुधार हुए थे उसी तरह के आर्थिक सुधारों का इस बार भी प्रयास हो रहा है

नई दिल्ली। कोरोनावायरस के चलते भारत में आर्थिक स्तर पर बहुत से बड़े कदमों की जरूरत है। भारत सरकार ने इसी को देखते हुए बड़ी योजनाओं को लाने का का खाका तैयार किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है। पीएम मोदी ने इसे ‘आत्मनिर्भर भारत’ पैकेज नाम दिया है। गौरतलब है कि देश में अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए 1991 में जिस तरह से आर्थिक सुधार हुए थे उसी तरह के आर्थिक सुधारों का इस बार भी प्रयास हो रहा है और उसी को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज की बात कही है।

 

इस बारे में प्रधानमंत्री के प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने यह बयान दिया है। संजीव सान्याल ने कहा, ‘1991 में हमने इस ढांचे को बदला था उसी तरह से इस ढांचे को एक बार फिर से परख रहे हैं।’ संजीव सान्याल ने यह भी बताया कि आज (13 मई) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जिस आर्थिक पैकेज के बारे में जानकारी देंगी उसमें समाज के हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ दिया जाएगा ताकि अर्थव्यवस्था को ऊपर उटाया जा सके और डिमांड बढ़ाई जा सके।

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संजीव सान्याल ने यह भी कहा कि अर्थव्यवस्था को तेजी से पटरी पर लाने के लिए सरकार और भी सुधार करती रहेगी और कुछ जगहों पर सुधार होना शुरू हो भी गए हैं क्योंकि कई राज्यों ने श्रम कानून बदल दिए हैं।

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सरकार ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए जिस 20 लाख करोड़ रुपए की घोषणा की है उसके लिए पैसा कहां से आएगा? एक टीवी चैनल ने जब यह सवाल प्रधानमंत्री के प्रधान आर्थिक सलाहकार से किया तो उन्होंने बताया कि इसके लिए सरकार के पास बहुत सारी रणनीति है, सरकार ने ऋण लेना पहले ही बढ़ा दिया है और साथ में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए भी इंतजाम किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पैसा जुटाने के लिए हर तरह की रणनीति अपनाई जाएगी।