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दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन के 6 ठिकानों पर ईडी के छापे

सूत्र ने कहा कि वित्तीय जांच एजेंसी की टीमें उत्तर पूर्वी दिल्ली में चार स्थानों और नोएडा में दो स्थानों पर तलाशी ले रही हैं। ईडी की कार्रवाई हुसैन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज करने के लगभग तीन सप्ताह बाद हुई है, जो वर्तमान में न्यायिक हिरासत में है।

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस द्वारा दिल्ली दंगों के मामले में आप के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन को आरोपी बनाने के लगभग 20 दिन बाद प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को उसके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच के लिए छह ठिकानों पर तलाशी ली। ईडी के एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया, “एजेंसी की कई टीमें हुसैन से संबंधित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में उसके छह ठिकानों पर खोज कर रही हैं।”

Tahir Hussain

सूत्र ने कहा कि वित्तीय जांच एजेंसी की टीमें उत्तर पूर्वी दिल्ली में चार स्थानों और नोएडा में दो स्थानों पर तलाशी ले रही हैं। ईडी की कार्रवाई हुसैन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज करने के लगभग तीन सप्ताह बाद हुई है, जो वर्तमान में न्यायिक हिरासत में है। ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया, “हमने हुसैन और पीएफआई के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है।”

Enforcement Directorate

अधिकारी ने कहा कि हुसैन और पीएफआई को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत बुक किया गया है। पीएफआई पर पहले से ही देशभर में सीएए के विरोध में हुए प्रदर्शनों के वित्तपोषण में उसकी कथित भूमिका के लिए केंद्रीय वित्तीय जांच एजेंसी का एक मामला चल रहा है। फरवरी के अंतिम सप्ताह में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों में 52 से अधिक लोग मारे गए थे।

Tahir Hussain

ईडी फंडिंग और आय के उस स्रोत की जांच कर रहा है, जो हुसैन को कथित तौर पर दिल्ली में हिंसा भड़काने के लिए मिला था। दिल्ली हिंसा के बाद, हुसैन की भूमिका संदिग्ध पाई गई थी, क्योंकि उसके घर से पुलिस ने कई पेट्रोल बमों के साथ-साथ तेजाब बरामद किया था। पूर्वोत्तर दिल्ली के खजूरी खास इलाके में स्थित उसके घर का इस्तेमाल हिंसा के दौरान पथराव करने और पेट्रोल बम फेंकने के लिए किया गया था। 2 जून को, दिल्ली पुलिस ने इस सिलसिले में दो आरोपपत्र दायर किए थे।

क्राइम ब्रांच ने कड़कड़डूमा कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है। दंगों के दौरान दर्ज मामलों की जांच के लिए तीन विशेष जांच दल गठित किए गए थे।