नई दिल्ली। महाराष्ट्र में बीते कई दिनों से सियासी भूचाल देखने को मिल रहा है। राज्य की महाविकास अघाड़ी सरकार की उल्टी गिनती लगभग शुरू हो गई है। एक तरफ जहां एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की लगातार परेशनियां बढ़ा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर विधानसभा के डिप्टी स्पीकर की ओर से बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्रवाई को लेकर शिंदे गुट सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया है। बता दें कि शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के बागी हो जाने के बाद से सीएम उद्धव ठाकरे की सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे है। सीएम ठाकरे अपनी सरकार बचाने के लिए हर मुमकिन प्रयास कर चुके है। लेकिन वो विफल साबित हो गए है। ऐसे में सरकार गिरते हुए देखे शिवसेना नेताओं की बौखलाहट देखने को मिल रही है। बीते दिन शिवसेना सांसद संजय राउत ने बागी विधायकों को लेकर बेतुका बयान दिया था। संजय राउत ने कहा था कि बागी विधायकों की बॉडी का पोस्टरमार्टम विधानसभा में होगा। जिसके बाद वो विवादों में फस गए थे।
वहीं महाराष्ट्र में सियासी उठापठक के बीच शिवसेना सांसद संजय राउत को बड़ा झटका लगा है। राज्य में जारी राजनीति घमासान के बीच अब प्रवर्तन निदेशालय यानी ED की एंट्री हो गई है। दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पात्रा चावल भूमि घोटाला मामले में संजय राउत को समन भेजा है और 28 जून यानी की कल ईडी ऑफिस में हाजिर होने के लिए कहा गया है।
Enforcement Directorate (ED) summons Shiv Sena MP Sanjay Raut on June 28, in connection with Patra Chawl land scam case
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— ANI (@ANI) June 27, 2022
ऐसे राज्य में सियासी बवाल के बीच सबके जेहन प्रश्न उठ रहे होंगे कि क्या सरकार शिवसेना सांसद संजय राउत का इस घोटाले से क्या लेना देना है। आपको बता दें कि मसला साल 2007 का है। जब प्रदेश में कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन वाली सरकार थी। उस वक्त राज्य के मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख हुआ करते थे।
दरअसल, HDIL ने ये दोनों घोटाले किए थे। जिसके डायरेक्टर प्रवीण राउत, राकेश वधावन और सारंग वधावन हैं। इतना ही नहीं घोटाले के सिलसिले में प्रवीण राउत और सारंग वधावन को साल 2020 में ईडी ने गिरफ्तार भी किया था। वहीं ईडी द्वारा दोनों से पूछताछ में शिवसेना नेता संजय राउत के नाम का भी खुलासा हुआ था। खास बात ये भी है कि प्रवीण राउत संजय राउत के मित्र हैं।