नई दिल्ली। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया भले ही दिल्ली में शिक्षा व्यवस्था में सुधार की बात कर रहे हों लेकिन सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है जो उनके दावों पर सवाल खड़े करता है। बता दें कि इस वीडियो को दिल्ली के भारतीय जनता पार्टी के मीडिया हेड नवीन कुमार ने अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर किया है। इस वीडियो को लेकर कहा जा रहा है कि दिल्ली के शिक्षा मंत्रालय के निदेशक उदित राय एक क्लासरूम में बच्चों से कह रहे हैं कि अगर आपको सवाल का जवाब नहीं पता तो आप बस सवाल ही लिख देना, मैंने मैम से बात कर ली है वो पास कर देंगी। सोशल मीडिया पर इस वीडियो को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं कि आखिर दिल्ली में शिक्षा में बेहतर कार्य करने का दावा करने वाली केजरीवाल सरकार इस तरह कैसे बच्चों का विकास कर पाएगी। लोगों का कहना है कि अगर बिना सही जवाब दिए ही उन्हें पास कर दिया गया तो बच्चों का सही मूल्यांकन कैसे होगा?
वहीं नवीन कुमार ने अपने ट्वीट में सवाल खड़े करते हुए लिखा है कि, “आप IAS भी जवाब में प्रश्न लिख कर बन गए थे क्या? शिक्षा मंत्री के निदेशक उदित राय स्कूल मे बच्चो से कह रहे है पेपर को खाली मत छोड़ो चाहे प्रश्न को ही लिख दो नंबर मिल जाएंगे। मनीष सिसोदिया क्या स्तर कर दिया आपने दिल्ली मे शिक्षा का, बस आम आदमी पार्टी का शिक्षा मॉडल केवल विज्ञापनो में है।”
आप IAS भी जवाब मे प्रश्न लिख कर बन गए थे क्या?@Minister_Edu के निदेशक उदित राय स्कूल मे बच्चो से कह रहे है पेपर को खाली मत छोड़ो चाहे प्रश्न को ही लिख दो नंबर मिल जाएंगे@msisodia क्या स्तर कर दिया आपने दिल्ली मे शिक्षा का, बस @AamAadmiParty का शिक्षा मॉडल केवल विज्ञापनो मे है pic.twitter.com/kQv7Xiw2oQ
— Naveen Kumar (@naveenjindalbjp) February 18, 2021
वहीं इस वीडियो पर संज्ञान लेते सुप्रीम कोर्ट के वकील और ऑल इंडिया पैरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से शिकायत करते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है।
इसके अलावा सोशल मीडिया पर इस वीडियो को लेकर लोग जमकर निशाना साध रहे हैं। एक यूजर ने लिखा कि, इसिलिये संपूर्ण सरकारी संस्थाओं का प्राइवेटाइजेशन होनी जरुरी है ताकि हराम की सरकारी वेतन लेने वाले बच्चों को अशिक्षित न रखें और जनता को सरकारी संस्थाओं द्वारा भी प्राइवेट की तरह सेवा-सुविधा मिल सके!
इसिलिये संपूर्ण सरकारी संस्थाओं का प्राइवेटाइजेशन होनी जरुरी है ताकि हराम की सरकारी वेतन लेने वाले बच्चों को अशिक्षित न रखें और जनता को सरकारी संस्थाओं द्वारा भी प्राइवेट की तरह सेवा-सुविधा मिल सके!
— Divyadarshan Maansik Utthan (@DivyaDa43453236) February 18, 2021
सब केजरी का फर्जी प्रचार है दो स्कूलों को चमका कर पूरे देश मे दिखाता है देखो कितना विकास कर दिया क्या दिल्ली में दो ही स्कूल है❓?
— Piyush Kumar Singh (@PiyushK_Sing) February 18, 2021
Yahi sikha kar bachcho ko jhuth sikhayge taaki inki tarh hi bana sake shame ..Nahi aata to jo ata h usko pahle kar len bachche baaki baad me sochen ye to sab bataate hain ais pahali baar suna h ki sawal likh kr hi no mil jayga yani teacher check kare bina no deti h
— @shabnam khan (@Shabnam72189911) February 18, 2021
बच्चों के भविष्य के साथ ये क्या हो रहा है। वाह वाह जितनी तारीफ करू उतनी कम है।
मतलब प्रश्न का उत्तर प्रश्न ही है। तो फिर इतना ताम झाम इतना ख़र्चा क्यो सिधे अगली क्लास में बिठा दो हद हैं।— Dinesh Singh Parihar(DSP)???? (@DineshS58628688) February 18, 2021
हद है बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ वैसे तो बच्चे पढ़ेंगे ही नहीं जब उन्हें यह बता दिया जाएगा कि क्वेश्चन लिख दो नंबर तुम्हें फिर भी मिल जाएगा क्या बढ़िया शिक्षा नीति है ??
— archana (@YashTya51486317) February 18, 2021
केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों पर दबाव बनाया हुआ है कि सभी बच्चों को पास करना है चाहे वह एग्जाम शीट में कुछ लिखें या ना लिखें मुझे भी कुछ शिक्षकों ने ऐसा बताया है
— Harish Dixit (@HarishDixit20) February 18, 2021