
नई दिल्ली। यमुना के पानी में जहर मिलाए जाने वाले बयान के मामले में दिल्ली के पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल से अब चुनाव आयोग ने सबूत मांगा है। अरविंद केजरीवाल को अपने बयान के समर्थन में आज रात 8 बजे तक चुनाव आयोग को सबूत सौंपना होगा। चुनाव आयोग ने कहा है कि अगर अरविंद केजरीवाल जवाब और पक्के सबूत नहीं देते, तो आदेश जारी कर अलग-अलग धाराओं में आयोग कार्रवाई करेगा। ऐसे में अरविंद केजरीवाल इस मामले में और फंसते दिख रहे हैं। अगर अरविंद केजरीवाल बयान के संबंध में सबूत नहीं दे सके, तो मुश्किल बढ़ सकती है।
चुनाव आयोग ने अरविंद केजरीवाल को जवाब देने के बारे में जो निर्देश वाली चिट्ठी भेजी है, उसमें न्यायिक घोषणाओं और कानून का हवाला दिया गया है। चुनाव आयोग के मुताबिक राष्ट्रीय एकता और सार्वजनिक सद्भाव के खिलाफ कोई भी शरारत पूर्ण बयान देने पर 3 साल की कैद हो सकती है। चुनाव आयोग ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल ने जो आरोप लगाए हैं, उनके गंभीर नतीजे हो सकते हैं। मसलन पड़ोसी राज्यों के निवासियों से दुश्मनी पैदा हो सकती है। इस वक्त पानी की वास्तविक या कथित कमी या उपलब्ध न होने के कारण कानून और व्यवस्था की गंभीर स्थिति भी उत्पन्न होने का अंदेशा भी चुनाव आयोग ने लगाया है। ऐसे में अरविंद केजरीवाल अगर यमुना के पानी में जहर संबंधी बयान पर पुख्ता सबूत न दे सके, तो उनके लिए मुश्किल हो सकती है।
हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी पहले ही कह चुके हैं कि अगर अरविंद केजरीवाल ने माफी न मांगी, तो उनकी सरकार मानहानि का केस करेगी। इसके जवाब में अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि क्या मुझे फांसी पर लटका देंगे? वहीं, दिल्ली की सीएम आतिशी ने बयान दिया था कि यमुना के पानी में हरियाणा से जो पानी आ रहा है, उसमें 7 पीपीएम तक अमोनिया है। इस वजह से पानी को साफ करने वाला संयंत्र काम नहीं कर सकता। आतिशी ने कहा है कि दिल्ली के 30 फीसदी इलाके में लोगों को पेयजल सप्लाई करना संभव नहीं होगा।