Punjab: बंगाल चुनाव से पहले ही चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का हुआ मोहभंग?, मैदान छोड़ कैप्टन की शरण में पहुंचे पंजाब
Prashant Kishore: चुनावी राजनीति(Election strategist) में अपनी महारत दिखा चुके बिहार(Bihar) के बक्सर जिले में जन्मे प्रशांत किशोर पांडेय(Prashant Kishor Pandey) कुछ समय के लिए बिहार में जेडीयू(JDU) के साथ रहे लेकिन नीतीश कुमार के ऊपर हमला बोलने के चलते अब वो पार्टी से बाहर हैं।
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल सहित 5 राज्यों के चुनाव तारीखों का ऐलान हो चुका हैं लेकिन इससे पहले ही अटकलें लगाईं जा रही हैं कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बंगाल में ममता दीदी का साथ छोड़ दिया है? हालांकि प्रशांत किशोर ने ममता बनर्जी का साथ छोड़ा है या नहीं, या इस चुनाव में वो टीएमसी के लिए काम करेंगे या नहीं, इसकी पुष्टि नहीं हुई है। फिलहाल खबर है कि प्रशांत किशोर अब पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के प्रधान सलाहकार होंगे। इसको लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बताया कि, उन्हें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि प्रशांत किशोर को उनके प्रधान सलाहकार के तौर पर नियुक्त किया गया है। कैप्टन ने कहा कि प्रशांत किशोर के साथ मिलकर पंजाब के लोगों की भलाई के लिए काम करेंगे। गौरतलब है कि करीब 2 महीने पहले प्रशांत किशोर ने बंगाल चुनाव में भाजपा के प्रदर्शन को लेकर कहा था कि भाजपा, पश्चिम बंगाल चुनाव में दहाई का भी आंकड़ा पार नहीं कर पाएगी। इसको लेकर उन्होंने अपने ट्वीट में यह भी कहा था कि अगर उनकी बात गलत होती है तो वे ट्विटर छोड़ देंगे।
हालांकि प्रशांत किशोर के दावे से उलट गृह मंत्री अमित शाह ने बंगाल चुनाव को लेकर कहा है कि, उनकी पार्टी 200 से भी अधिक सीटें जीतने जा रही है। वहीं प्रशांत किशोर को लेकर बात करें तो 2017 में जब पंजाब, उत्तर प्रदेश, और उत्तराखंड विधानसभा के चुनाव हुए थे तो उस दौरान भी प्रशांत किशोर कांग्रेस के रणनीतिकार थे।
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फिलहाल 2017 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को पंजाब छोड़ किसी और राज्य में जीत नसीब हुई थी। हालांकि खबरें ऐसी रहीं कि उस समय पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ प्रशांत किशोर के रिश्ते बहुत अच्छे नहीं थे। अब समय बदला है तो पंजाब में प्रशांत किशोर कैप्टन के साथ खड़े नजर आएंगे। इसकी जानकारी खुद कैप्टन अरमिंदर सिंह ने अपने एक ट्वीट में दी है।
चुनावी राजनीति में अपनी महारत दिखा चुके बिहार के बक्सर जिले में जन्मे प्रशांत किशोर पांडेय कुछ समय के लिए बिहार में जेडीयू के साथ रहे लेकिन नीतीश कुमार के ऊपर हमला बोलने के चलते अब वो पार्टी से बाहर हैं। हालांकि इस बात को कोई नहीं भूल सकता कि बिहार विधानसभा चुनाव 2015 में जब उन्होंने नीतीश कुमार को सत्ता पर काबिज होने में मदद की थी तो नीतीश ने उसका इनाम उन्हें JDU का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाकर दिया था। बाद में प्रशांत किशोर को कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी दिया गया। इसके अलावा प्रशांत किशोर की सबसे बड़ी पहचान 2014 से भी जुड़ी हुई है, जब मोदी सरकार को सत्ता में लाने में पीके ने मदद की थी।