कांग्रेस से निकाले गए नेताओं ने लिखी सोनिया को चिट्ठी, कहा कुछ ऐसा कि भड़क जाएंगे राहुल-प्रियंका
कार्यकर्ताओं ने अपनी चिट्ठी में सोनिया गांधी(Sonia Gandhi) से कहा है कि, वो पार्टी को परिवार से ऊपर रखें। बता दें कि चार से पांच दशक तक कांग्रेस(Congress) की सेवा करने वाले इन नेताओं ने पार्टी में हावी परिवारवाद पर निशाना साधा है।
नई दिल्ली। कांग्रेस में बदलाव को लेकर चल रही खींचतान के बीच अब पार्टी से निकाले गए वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक पत्र लिखकर पार्टी के हित में खरी-खरी सुनाई है। कार्यकर्ताओं ने अपनी चिट्ठी में सोनिया गांधी से कहा है कि, वो पार्टी को परिवार से ऊपर रखें। बता दें कि चार से पांच दशक तक कांग्रेस की सेवा करने वाले इन नेताओं ने पार्टी में हावी परिवारवाद पर निशाना साधा है।
चिट्ठी में उन्होंने सोनिया से कहा है कि कांग्रेस संगठन को परिवार से ऊपर उठकर चलाएं। साथ ही आगाह किया है कि इन हालात में कांग्रेस इतिहास की वस्तु बनकर रह जाएगी। पिछले वर्ष नेहरू जयंती पर उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति पर पार्टी के पूर्व मंत्री रामकृष्ण द्विवेदी की अध्यक्षता में वरिष्ठ कांग्रेसियों ने बैठक की थी। इसे अनुशासनहीनता मानकर पार्टी ने दस वरिष्ठजन को निष्कासित कर दिया गया। सभी यह कहते रहे कि निष्कासन पार्टी संविधान के खिलाफ हुआ है। उन्होंने अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मिलने का समय मांगा, लेकिन मिला नहीं। हालांकि यह वरिष्ठजन अब भी खुद को कांग्रेसी ही मानते हैं। अब वर्तमान में जब संगठन में आरोप-प्रत्यारोप चल रहे हैं तो पूर्व सांसद संतोष सिंह ने सभी वरिष्ठों की सहमति से एक पत्र सोनिया गांधी को लिखा है।
इसमें कहा गया कि पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने पार्टी और देश को बनाया। आपके नेतृत्व में भी पार्टी को बल मिला। पत्र में कहा है कि पिछले कुछ समय से पार्टी जिस तरह से चल रही है, उससे कांग्रेसजनों में असमंजस और अवसाद की स्थिति है। प्रदेश कांग्रेस में लाए गए कुछ पदाधिकारियों पर निशाना साधते हुए लिखा है कि आर्थिक पैकेज पर ऐसे लोग बैठा दिए गए हैं, जो कांग्रेस के प्रारंभिक सदस्य भी नहीं हैं। वह पार्टी की दशा-दिशा निर्धारित कर रहे हैं।
पार्टी की एक राष्ट्रीय स्तर की पदाधिकारी पर बिना नाम लिए तंज भी कसा। कहा कि रात भर में किसी को पदाधिकारी तो बनाया जा सकता है, लेकिन वह नेता नहीं बन सकता। उसके लिए संघर्ष और परिपक्वता चाहिए। दस वरिष्ठों के निष्कासन पर अन्य वरिष्ठों की चुप्पी पर भी सवाल उठाए गए हैं। पत्र पर पूर्व सांसद संतोष सिंह सहित पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी, पूर्व विधायक भूधर नारायण मिश्र, विनोद चौधरी, राजेंद्र सिंह सोलंकी, सिराज मेंहदी, नेकचंद पांडेय, युवक कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष स्वयं प्रकाश गोस्वामी और पूर्व प्रदेश महामंत्री संजीव सिंह के हस्ताक्षर हैं।