newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Cyrus Mistry: सड़क हादसे में मशहूर उद्योगपति सायरस मिस्त्री का निधन, टाटा संस से रहा लंबा विवाद

Cyrus Mistry: मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो उद्योगपति सायरस मिस्त्री की मौत पालघर के पास हुए सड़क हादसे में हुई है। बताया जा रहा है कि गाड़ी की स्पीड काफी तेज थी जिसकी वजह से हादसा हुआ है

नई दिल्ली। मशहूर उद्योगपति और टाटा संस के पूर्व चेयरमैन सायरस मिस्त्री का निधन हो गया है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो उद्योगपति की मौत पालघर के पास सड़क हादसे में हुई है। कहा जा रहा है कि मुंबई से सटे पालघर के पास मुंबई-अहमदाबाद हाइवे पर कार डिवाइडर से टकराई, जिसकी वजह से हादसा हुआ। हादसे में तीन लोगों के और घायल होने की भी खबर सामने आ रही हैं। कार की स्पीड भी काफी तेज बताई गई। फिलहाल पुलिस मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गई है। पालघर के एसपी ने भी इस बात की पुष्टि की है कि कार एक्सीडेंट में  सायरस मिस्त्री की मौत हो चुकी हैं।

दो महीने पहले ही हुआ था पिता का निधन

दो महीने पहले ही 28 जून को सायरस मिस्त्री के पिता और शापूरजी पालोनजी ग्रुप के चेयरमैन पालोनजी मिस्त्री का भी निधन हुआ था। उनका निधन 93 साल की उम्र में हुआ। शापूरजी पालोनजी ग्रुप बहुत बड़ा ग्रुप है और इनके नाम कई सारी उपलब्धियां भी दर्ज है। जिसमें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की इमारत बनाना भी शामिल है। इसके अलावा टाटा ग्रुप से भी लंबा विवाद रहा है। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। तो चलिए हम आपको बताते हैं कि पूरा मामला क्या है जो 2016 से शुरू हुआ था और आज तक जारी है।

क्या है पूरा विवाद

ये विवाद साल 2016 से शुरू हुआ था जब टाटा संस के रतन टाटा ने साइरस मिस्त्री को अचानक ही चेयरमैन के पद से बर्खास्त कर दिया था। फैसले का विरोध करते हुए मिस्त्री ने  कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में याचिका डाली थी। जहां ट्रिब्यूनल ने मिस्त्री की याचिका को खारिज कर दिया था। याचिका को खारिज करते हुए ट्रिब्यूनल ने कहा था कि  टाटा संस के पास ये अधिकार है कि किसी को भी, कभी भी पद से हटा सकते हैं। मिस्त्री ट्रिब्यूनल के फैसले के विरोध में नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल पहुंचे और फैसले को चुनौती दी। जिसके बाद दिसंबर 2019 एनसीएलएटी ने मिस्त्री को अचानक पद से हटाने की प्रक्रिया को अवैध करार दिया। जिसके बाद टाटा संस ने सुप्रीम कोर्ट में मामले को चैलेंज किया और याचिका दायर करते हुए कहा कि साइरस मिस्त्री ने सभी कंपनी के बोर्ड ऑफ डाइरेक्टर्स का विश्वास खो दिया, सभी की सहमति के बाद ही पद से हटाने का फैसला लिया गया।