नई दिल्ली। कृषि कानूनों (Farmers Law) के खिलाफ किसानों का आंदोलन (Farmer Protests) मंगलवार को भी जारी है। इस प्रदर्शन को आज 49 दिन हो गए हैं। बता दें कि कड़ाके की ठंड के बीच किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली सीमा पर जमे हुए हैं। किसानों ने अपनी मांग में साफ कर दिया है कि, वो कृषि कानूनों को वापस करवाकर ही जाएंगे। ऐसे में आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में संसद द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों को चुनौती देने और दिल्ली की सीमाओं से किसानों को हटाने की कई याचिकाओं पर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने आज इस मसले पर सुनवाई करते हुए कृषि कानूनों को अपने अगले आदेश तक लागू करने पर रोक लगा दिया है। बता दें कि इसके अलावा कोर्ट ने इस मसले पर बातचीत के लिए एक कमेटी भी बनाई है। वहीं इस सुनवाई के दौरान किसानों की तरफ से पेश हुए वकील ने कोर्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसानों से बातचीत ना करने को लेकर सवाल किया तो CJI ने कहा कि हम इसपर आदेश नहीं दे सकते हैं।
CJI ने दिया ये जवाब
बता दें कि किसानों के वकील एमएल शर्मा ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि, इस मुद्दे पर किसानों से बातचीत के लिए लोग सामने आ चुके हैं लेकिन प्रधानमंत्री जोकि मुख्य व्यक्ति हैं, वो नहीं आए। इस पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे ने कहा कि, हम प्रधानमंत्री को बातचीत के लिए नहीं कह सकते हैं। वह इस मामले पार्टी नहीं हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक तीन कानूनों को लागू करने पर रोक लगाई। pic.twitter.com/0tixs3WY3f
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 12, 2021
बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए तीनों कृषि कानून के लागू होने पर सुप्रीम कोर्ट ने आज रोक लगा दी है। कोर्ट ने मंगलवार को ये फैसला सुनाया, साथ ही अब इस मसले को सुलझाने के लिए कमेटी का गठन कर दिया गया है। इस कमेटी में कुल चार लोग शामिल होंगे, जिनमें भारतीय किसान यूनियन के भूपिंदर सिंह मान, शेतकारी संगठन के अनिल घनवंत, कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी और अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान के प्रमोद के. जोशी शामिल हैं।