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किसान नेताओं और सरकार के बीच 10वें दौर की बातचीत खत्म, 22 जनवरी को अगली बैठक

Farmers Protest: देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले किसानों के प्रदर्शन का बुधवार को 56वां दिन है। आंदोलनरत किसान केंद्र सरकार के नये कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम (एमएसपी) पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं।

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले किसानों के प्रदर्शन का बुधवार को 56वां दिन है। आंदोलनरत किसान केंद्र सरकार के नये कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम (एमएसपी) पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने गणतंत्र दिवस पर राजधानी में किसान यूनियनों के निकाले जाने वाली ट्रैक्टर रैली पर रोक लगाने की दिल्ली पुलिस की अर्जी पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। बुधवार को मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अदालत द्वारा मामले में हस्तक्षेप करना ठीक नहीं है, क्योंकि कानून और व्यवस्था के मुद्दे पर निर्णय लेने का पहला अधिकार पुलिस का है। शीर्ष अदालत ने 25 जनवरी को मामले पर सुनवाई के लिए केंद्र सरकार के अनुरोध को भी ठुकरा दिया और आवेदन को लंबित रखा। इसके बाद केंद्र ने अपना आवेदन वापस ले लिया।

Farmer Protest

अपडेट-

बता दें कि किसान संगठन और सरकार के बीच 10वें दौर की बातचीत खत्म हो गई है, लेकिन आज भी इसका कोई नतीजा नहीं निकल सका है। गौरतलब है कि सरकार की तरफ से किसानों को प्रस्ताव दिया कि वो कृषि कानूनों को एक निश्चित समय के लिए रोक लगा सकते हैं, और एक कमेटी का गठन किया जाए, जिसमें सरकार और किसान दोनों हो, लेकिन किसान संगठन इस प्रस्ताव पर नहीं राजी हुए। साथ ही सरकार की ओर से ये भी अपील की गई कि इस प्रस्ताव के साथ-साथ आपको आंदोलन भी खत्म करना होगा।

दिल्ली: विज्ञान भवन में किसानों और केंद्र सरकार के बीच 10वें दौर की वार्ता शुरू हुई। बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और सोमप्रकाश मौजूद हैं।

केंद्र सरकार के साथ होने वाली 10वें दौर की वार्ता के लिए किसान नेता विज्ञान भवन पहुंचे। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता ने बताया,”हम बैठक और आंदोलन भी करेंगे। किसान यहां से वापस नहीं जाएगा।MSP पर कानून,3 कानूनों की वापसी और स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को लागू नहीं करेंगे”


ट्रैक्टर रैली पर SC का दखल देने से इनकार, दिल्ली पुलिस के पाले में डाली गेंद

सुप्रीम कोर्ट ने ट्रैक्टर रैली के खिलाफ डाली गई याचिका पर सुनवाई करने से इनकार करते हुए कहा कि वह इस पर कोई आदेश पारित नहीं करेगा। सिर्फ यही नहीं अदालत ने कहा कि किसानों द्वारा 26 जनवरी को किए जाने वाले किसी भी और तरह के प्रदर्शन पर वह आदेश पारित नहीं करेगी। सीजेआई ने कहा कि यह पुलिस को निर्णय लेना है। हम कोई आदेश नहीं देंगे। आप एक्शन लेने के लिए उचित अथॉरिटी हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर किसानों की ट्रैक्टर रैली को लेकर दखल देने से इनकार कर दिया है।  बुधवार को हुई सुनवाई में चीफ जस्टिस की ओर से कहा गया कि ये मामला पुलिस के हाथ में है, पुलिस ही इसपर इजाजत देगी।

10वें दौर की वार्ता से पहले राकेश टिकैत, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि, सरकार को 3 कानूनों को रद्द करना होगा और MSP पर कानून बनाना होगा, तभी हम किसानों को लाभ मिलेगा।

किसानों का प्रतिनिधिमंडल दिल्ली पुलिस के साथ होने वाली बैठक के लिए विज्ञान भवन पहुंचा। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने बताया, “हम 26 जनवरी को सरकार की परेड में बाधा नहीं डालेंगे। हम उनसे कहेंगे कि ट्रैक्टर रैली के लिए रिंग रोड ठीक रहेगा क्योंकि ट्रैक्टर बहुत ज़्यादा होंगे।”

किसानों और सरकार के बीच आज की वार्ता पर अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा कि, दो दिन पहले सरकार के मंत्री ने ऐलान किया कि हम कानूनों को निरस्त नहीं करेंगे। सरकार का रवैया अभी भी नकारात्मक है। इस परिस्थिति में बहुत कुछ होगा ऐसी कोई उम्मीद नहीं है।

किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के अध्यक्ष ने बताया,”आज की बैठक से भी उम्मीद नहीं है। इसका नतीजा पहली बैठक जैसा ही रहेगा क्योंकि सरकार का कानूनों को रद्द करने और MSP पर कानून बनाने का मन नहीं है।”

गाज़ीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह की जयंती (‘प्रकाश पर्व’) मना रहे हैं।

सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने गुरु गोविंद सिंह के ‘प्रकाश पर्व’ पर अरदास की। एक प्रदर्शनकारी ने बताया, “गुरु गोविंद सिंह हमारे 10वें गुरु हैं। उन्होंने सिख पंथ की नीव रखी थी। उनकी कुर्बानी बहुत बड़ी है।आज हमारी खुशी का ठिकाना नहीं है।”