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Farmers Protest: किसानों और सरकार के बीच छठे दौर की बातचीत खत्म, अब 4 जनवरी को होगी अगली बैठक

Farmers protest: नये कृषि कानूनों के विरोध में सड़कों पर उतरे किसानों के नेता सरकार के साथ छठे दौर की वार्ता के लिए निर्धारित समय के अनुसार बुधवार को दोहपर दो बजे विज्ञान भवन पहुंचेंगे। वार्ता के लिए मुद्दे भी पहले से ही तय है।

नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 35वां दिन है। विज्ञान भवन में बुधवार को दोनों पक्षों के बीच छठे दौर की बातचीत शुरू हो चुकी है। मोदी सरकार की तरफ से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्यमंत्री सोम प्रकाश बातचीत की कमान संभाला। वहीं किसानों की तरफ से विभिन्न संगठनों के 40 नेता मीटिंग में हिस्सा लिया।

अपडेट-

बता दें कि सरकार ने किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील की। सरकार ने 5 मेम्बरी कमेटी किसानों को बनाने को कहा​ है। फिलहाल आज की बैठक खत्म हो चुकी है और अब अगली बैठक 4 जनवरी को होगी।

सूत्रों का कहना है कि, किसानों की दो मुख्य मांगें सरकार ने मानी हैं, जिसमें Electricity 2020 विधेयक को नहीं लाने पर सरकार ने भरोसा दिलाया है।

आज की बैठक में सरकार की तरफ से किसानों को भरोसा दिलाया गया कि दिल्ली-NCR के वातावरण को साफ रखने के लिए ऑर्डिनेंस में किसानों को बाहर रखा जाएगा, जिसमें किसानों को पराली जलाने पर 1 करोड़ तक का जुर्माना रखा गया था।

कृषि कानून के मसले पर किसान संगठनों और भारत सरकार के बीच बातचीत शुरू हो गई है। विज्ञान भवन में हो रही इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए 40 किसान संगठन पहुंचे हैं। जबकि सरकार की ओर से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल बैठक में शामिल हैं।

AAP नेता राघव चड्ढा ने कहा किसिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों के लिए हमने लंगर से लेकर कंबल की सेवा मुहैया कराई है। आज हम यहां फ्री वाई-फाई स्थापित हुआ है कि नहीं ये देखने आए हैं क्योंकि यहां के किसानों ने सिंगल कमी की शिकायत की थी।

केंद्र सरकार से बातचीत करने के लिए किसान नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल विज्ञान भवन पहुंच गया है।

तीन कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार के साथ बातचीत करने के लिए किसान नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल सिंघु बॉर्डर से रवाना हुआ।

भाजपा नेता शाहनवाज़ हुसैन ने कहा कि आज सरकार के साथ किसान वार्ता पर बैठने वाले हैं। पूरी उम्मीद है कि आज कोई न कोई हल निकलेगा क्योंकि सरकार किसानों के लिए अपने दिल में बहुत बड़ी जगह रखती है।

पंजाब के किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के संयुक्त सचिव सुखविंदर सिंह सभरा ने कहा कि,पहले भी पांच दौर की बैठक हो चुकी है, उसमें समझाने की बात हुई और कानून के फायदे गिनाए गए। आज भी बैठक का कोई सही एजेंडा नहीं है। हमें नहीं लगता कि माहौल ऐसा है कि बैठक में कुछ निकलेगा।

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मैनपाल चौहान ने कहा कि उम्मीद है कि आज की हमारी वार्ता सफल होगी। तीन कानूनों को निरस्त होने चाहिए और MSP की गारंटी का प्रावधान होना चाहिए। अगर फसल MSP से नीचे खरीदी जाती है तो दंडात्मक कार्रवाई होनी चाहिए।


भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार कानून वापस नहीं लेगी तो प्रदर्शन खत्म नहीं होगा। सरकार को कानून वापस लेना ही पड़ेगा। संशोधन पर बात नहीं बनेगी।