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किसान नेता जगमोहन सिंह ने की सिंधु बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस, कहा पीएम मोदी सिर्फ करते हैं अपने मन की बात

कृषि बिल (New Farm law) के विरोध में किसानों का विराध प्रदर्शन (Farmers Protest) सोमवार को भी जारी है। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-यूपी-हरियाणा बॉर्डर पर किसान अभी भी डटे हुए हैं। उन्होंने सिंधु बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी नाराजगी जताई है।

नई दिल्ली। कृषि बिल (New Farm law) के विरोध में किसानों का विराध प्रदर्शन (Farmers Protest) सोमवार को भी जारी है। आज प्रदर्शन का 5वां दिन है। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-यूपी-हरियाणा बॉर्डर पर किसान अभी भी डटे हुए हैं। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “जब सारी बैठक हमेशा जंतर-मंतर पर होती हैं तो किसान को जंतर-मंतर पर क्यों नहीं जाने दे रहे? जब तक कोई फैसला नहीं निकलेगा हम यहीं रहेंगे।” इसी बीच रविवार को किसान संगठन के नेताओं ने बैठक की। ये बैठक इस बात को लेकर हुई कि किसान सिंधु बॉर्डर और टीकरी बॉर्डर पर बैठे रहेंगे या नहीं। जिसके बाद किसानों ने अमित शाह का प्रस्ताव ठुकरा दिया है। किसानों ने बुराड़ी जाने का प्रस्ताव ठुकरा दिया है।

Farmers Protest

प्रदर्शन के बीच किसान नेता जगमोहन सिंह ने सिंघु बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जहां उन्होंने पीएम मोदी से अपनी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि मोदी अपने ही मन की बात बोल रहे हैं। यहां पर सुरक्षाबल के जवानों को तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ पंजाब के किसान नहीं हैं, यह मजदूर हैं, गरीब हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि हम जहां जहां हैं वहीं डटे रहेंगे।

किसान नेता बूटा सिंह ने दावा किया है कि गृहमंत्री अमित शाह बिना शर्त बातचीत के लिए तैयार हो गए हैं। अब शाम की एक मीटिंग में किसान यूनियन आगे का एजेंडा तय करेगा। उन्होंने दावा किया है कि अमित शाह ने उन्हें फोन किया और वो बिना शर्त बातचीत के लिए तैयार हो गए हैं।

उत्तराखंड पूर्व सीएम हरीश रावत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि किसान आंखों में आंसू भरकर और जान हथेली पर लेकर दिल्ली पहुंचा है। केंद्र और खट्टर सरकार ने उनको दुश्मन मानकर रोकने का दुष्प्रयास किया। अब आप उनसे बात करने की बजाय उन्हें बुराड़ी में अस्थायी जेल में डालना चाहते हो। आज पूरा देश किसानों के साथ खड़ा है।

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार को तुरंत बुलाकर किसानों से बातचीत करनी चाहिए और समाधान निकालना चाहिए। किसानों की मांगें वाजिब हैं, उन्हें सुनना चाहिए और समाधान निकालना चाहिए।

सोमवार को किसानों ने यूपी गेट पर चेतावनी का बैनर लगा दिया। किसान यूनियन की धारा 288 लगाई गई है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत का कहना है कि पुलिस ने धारा 144 लगाकर हमें प्रतिबंधित करने की कोशिश की है, तो हमने धारा 288 लगाकर उन्हें प्रतिबंधित कर दिया है। अब हम उनकी सीमा में नहीं जाएंगे और उन्हें अपनी सीमा में नहीं आया आने देंगे।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी किसान प्रदर्शन पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने किसान प्रदर्शन को अकारण कहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के साथ बातचीत करना चाहती है, जब बातचीत हो जाएगी तो किसानों को सही मायने में ये जानकारी मिल जाएगी कि उनकी किसी भी फसल की खरीद में कोई बाधा नहीं आने वाली है। ये आंदोलन अकारण हो रहा है।

किसानों के प्रदर्शन के बीच सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की बैठक हुई। जिसमें किसानों के आंदोलन और उनकी मांगों को लेकर चर्चा हुई। बैठक खत्म होने के बाद कृषि मंत्री अपने घर के लिए रवाना हुए।

दिल्ली-गुडगांव बॉर्डर पर किसान प्रदर्शनकारियों की भीड़ आने की संभावना को देखते हुए स्थानीय पुलिस ने पैरामिलिट्री फोर्स के साथ कई जगहों पर नाकेबंदी की है, जिससे सड़कों पर ट्रैफिक जाम लग गया है।

कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने गुरुनानक जयंती के मौके पर प्रदर्शनकारी समेत पुलिस को भी प्रसाद बांटा।

आज गुरु नानक देव का 551वां प्रकाश पर्व मनाया जा रहा है। इस मौके पर कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने गुरु पर्व पर गुरबानी का पाठ किया।

सिंघु बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन करने वाले किसानों के लिए मेडिकल हेल्थ चेकअप कैंप लगाए गए हैं। उनका कोरोना टेस्ट भी हो रहा है। दिल्ली-हरियाणा के सिंघू बॉर्डर पर जमा किसान प्रदर्शनकारियों को वालंटियर डॉक्टर मेडिकल सुविधाएं दे रहे हैं। एक डॉक्टर ने बताया “हम सरकार से अपील करते हैं कि यहां जमा किसानों का कोरोना टेस्ट किया जाए। एक किसान को कोरोना होने से कई किसान उसकी चपेट में आ जाएंगे।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने किसान मुद्दे पर केंद्र पर निशाना साधा है।

किसानों के प्रदर्शन पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर ने ट्वीट कर कहा कि कृषि कानून पर गलतफहमी ना रखें। पंजाब के किसानों ने पिछले साल से ज्यादा धान मंडी में बेचा और ज़्यादा #MSP पर बेचा। MSP भी जीवित है और मंडी भी जीवित है और सरकारी खरीद भी हो रही है।

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नए कृषि कानून APMC मंडियों को समाप्त नहीं करते हैं। मंडियाँ पहले की तरह ही चलती रहेंगी। नए कानून ने किसानों को अपनी फसल कहीं भी बेचने की आजादी दी है। जो भी किसानों को सबसे अच्छा दाम देगा वो फसल खरीद पायेगा चाहे वो मंडी में हो या मंडी के बाहर।

गुरु पर्व के मौके पर कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने गुरु पर्व पर गुरबानी का पाठ किया।

किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली-यूपी के बॉर्डर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए है।

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने बताया कि किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए टिकरी, सिंघू बॉर्डर ट्रैफिक की आवाजाही के लिए बंद हैं।

नए कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर(दिल्ली-हरियाणा) पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है।