newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Live: हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का राज्यपाल से आग्रह, किसानों की समस्या पर करें चर्चा

कृषि कानूनों (Agricultural laws) के खिलाफ दिल्ली में किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) जारी है। शुक्रवार को प्रदर्शन का आज नौवां दिन है। प्रदर्शन के चलते सिंघु-टिकरी से लेकर गाजीपुर बॉर्डर बंद हैं।

नई दिल्ली। कृषि कानूनों (Agricultural laws) के खिलाफ दिल्ली में किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) जारी है। शुक्रवार को प्रदर्शन का आज नौवां दिन है। प्रदर्शन के चलते सिंघु-टिकरी से लेकर गाजीपुर बॉर्डर बंद हैं। आज भी प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं वो डटे रहेंगे। वहीं, गुरुवार को दोपहर 12 बजे से विज्ञान भवन में किसान संगठन और सरकार के बीच चौथे दौर की बैठक 7 घंटे तक चली। लेकिन यह बैठक भी बेनतीजा रही। इसमें 32 किसान संगठन और तीन संयुक्त मोर्चा के किसान नेता शामिल हुए। सभी किसान संगठन तीनों कृषि कानून को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं।

ghazipur

अपडेट

हरियाणा पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि उन्होंने हरियाणा के राज्यपाल से आग्रह है कि वो विशेष सभा सत्र बुलाए और किसानों की समस्या पर चर्चा करें। सभा में हम अविश्वास प्रस्ताव पेश करेंगे क्योंकि जो मौजूदा सरकार है वो लोगों का और विधान सभा का विश्वास खो चुकी है।

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी केंद्र सरकार और अमरिंदर सिंह पर निशाना साधा है। साथ ही उन्होंने सिंघु बॉर्डर पर किसानों के लिए की गई व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया। उन्होंने कहा कि आज मैंने सिंघु बॉर्डर पर किसानों के लिए की गई व्यवस्थाओं का जायजा लिया। बॉर्डर पर 300 से ज्यादा टॉयलेट दिल्ली सरकार ने लगाए हैं, पानी के लिए सौ से अधिक टैंकर और एंबुलेंस की व्यवस्था भी की गई है। सभी व्यवस्थाएं संतोषजनक हैं।

आगे उन्होंने कहा कि कल कैप्टन साहब दिल्ली आए थे तो ऐसे बिहेव कर रहे थे जैसे BJP के CM हों। कल चुपचाप अमित शाह से मिलकर चले गए किसानों की कोई बात नहीं हुई, बस ये बात हुई कि किसानों के धरने को कैसे तोड़ा जाए। अगर किसानों की मांगें मनवाने की कोई बात हुई होती तो कल फैसला हो जाता।

वहीं, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने किसानों के प्रदर्शन पर केंद्र सरकार और अमरिंदर सिंह पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश के किसानों की आवाज दबा के केंद्र सरकार और कांग्रेस राजनीति कर रही है। कल कैप्टन अमरिंदर सिंह भाजपा के नेताओं से मिलते हैं, जो कहने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री हैं और बीजेपी का बचाव करते हैं। साथ ही ये भी कहा कि वो पंजाब के किसानों को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बता रहे हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री आज ​भाजपा के मुख्यमंत्री की तरह व्यवहार कर रहे हैं।

किसान आंदोलन को लेकर भारतीय किसान संघ ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। साथ ही अपना पक्ष लोगों के सामने भी रखा। उन्होंने कहा कि कई लोग पूछते है कि भारतीय किसान आंदोलन में किसान संघ क्यों नहीं आया और ये ठीक बात है। 40 साल का हमारा इतिहास है। भारतीय किसान संघ हमेशा अपने आदोंलन अहिंसक ही करता है। हमारी मर्यादाएं है। साथ ही उनका ये भी कहना है कि किसानों ने जैसे रास्ते जाम कर दिए, दूध सड़कों पर फैला दिया, रास्ते ब्लॉक करने से लोगों को परेशानी आई, ऐसे काम भारतीय किसान संघ नहीं करता।

टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन सिंघु बॉर्डर पहुंचे और कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों से मिले। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फोन पर किसानों से बात की और उनका समर्थन किया।

RJD नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि किसानों को फसल की सही कीमत मिलनी चाहिए। MSP का जिक्र कृषि कानूनों में नहीं है। हम पूरी तरह से किसान के साथ खड़े हैं, आगे भी रहेंगे। किसानों को न्याय दिलाने के लिए कल हम गांधी मैदान में सुबह 10 बजे से महात्मा गांधी की मूर्ति के सामने बैठकर धरना करेंगे।

राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने प्रदर्शन को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, ”किसानों की बात केंद्र सरकार ने नहीं सुनी जिसके कारण आज किसान पूरे देश में आंदोलन कर रहे हैं। लोकतंत्र के अंदर संवाद सरकार के साथ इस प्रकार कायम रहते तो यह चक्का जाम के हालात नहीं बनते एवं आम जन को तकलीफ का सामना नहीं करना पड़ता।”

दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर किसान प्रदर्शन के बीच खाना बना रहे हैं।

सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसान प्रदर्शनकारी डटे हुए हैं। एक किसान प्रदर्शनकारी ने बताया, “इन कानूनों को रद्द करने के लिए सभी राज्यों के किसान संगठनों को बुलाया जाए, प्रधानमंत्री खुद मीटिंग लें और कानूनों को रद्द करने का निर्णय लें।”

कृषि कानूनों के खिलाफ नोएडा के राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल में किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। बिजनौर से एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “हम पंजाब के किसानों के समर्थन में आए हैं, जब तक कानून वापस नहीं होते हम नहीं जाएंगे।”

किसान आंदोलन की वजह से बॉर्डर बंद होने से उत्तर प्रदेश से दिल्ली आ रहे लोगों को काफी परेशानी हो रही है। एक यात्री ने बताया, “मैं बुलंदशहर से आया हूं, मुझे बच्ची का ऑपरेशन कराने एम्स जाना था। मुझे यहां फंसे हुए एक-डेढ़ घंटा हो गया है।”

कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं वो डटे रहेंगे। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “हमारे पास 3-4 महीने का राशन है, जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होंगी, हम हटने वाले नहीं हैं।”

कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर हो रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बॉर्डर पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है।