कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी सरकार लेकिन अस्थायी रोक पर तैयार, किसानों को प्रस्ताव नामंजूर
Farmer Protest: आज की बातचीत में सरकार(Modi Government) ने किसानों को प्रस्ताव देते हुए कहा कि, हम इस कानून पर एक निश्चित समय के लिए रोक लगा सकते हैं और एक कमेटी का गठन किया जाए, जिसमें सरकार और किसान दोनों हो।
नई दिल्ली। बुधवार को किसानों और सरकार के बीच 10वें दौर की वार्ता हुई। यह वार्ता भी बेनतीजा रही, सरकार ने इस बैठक में अपनी तरफ से एक प्रस्ताव दिया जिसे किसानों ने नामंजूर कर दिया। आज की बैठक में सरकार ने अपनी तरफ से साफ कर दिया कि, केंद्र सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी, लेकिन इसके साथ सरकार ने किसानों को कानूनों पर अस्थायी रोक लगाने की बात कही। बता दें कि यह एक साल तक के लिए सरकार की तरफ प्रस्ताव दिया गया, जिसे किसानों की तरफ से नामंजूर कर दिया गया। बता दें कि इस बैठक में सरकार की तरफ से एक बार फिर किसानों को तीनों बिलों के फायदे बताएं गए और कहा कि देश के अन्य राज्यों के किसान इन बिलों का समर्थन कर रहे हैं। यह बिल उनके हित के लिए हैं। सरकार ने कहा कि, अगर आप लोग इस कानून में कोई संशोधन चाहते हैं तो हम संशोधन करने के लिए तैयार हैं।
इसके बाद किसानों की तरफ से शब्दों में कहा गया कि, हम इस बिल में किसी तरह का संशोधन नहीं चाहते, बल्कि इसे वापस लिया जाएगा। किसानों ने कहा कि, कानूनों को वापस लेने से कम हमको मंजूर नहीं है। वहीं किसानों ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के पिछले बयानों का जिक्र करते हुए कहा कि आपने कई बार संसद में और बाहर भी ये कहा है कि कृषि स्टेट सब्जेक्ट है तो आप लोग इसमें क्यों हस्तक्षेप कर रहे हैं।
आज की बातचीत में सरकार ने किसानों को प्रस्ताव देते हुए कहा कि, हम इस कानून पर एक निश्चित समय के लिए रोक लगा सकते हैं और एक कमेटी का गठन किया जाए, जिसमें सरकार और किसान दोनों हो। सरकार के इस प्रस्ताव पर किसान संगठन राजी नहीं हुए। साथ ही सरकार की तरफ से ये भी अपील की गई कि इस प्रस्ताव के साथ-साथ आपको आंदोलन भी खत्म करना होगा।