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UPSC Success Story: छोटी उम्र में सिर से उठा पिता का साया, मां ने बकरी-भैंस पालकर पढ़ाया, कुछ ऐसी है UPSC पास करने वाले विशाल की कहानी

UPSC Success Story: मुजफ्फरपुर के मीनापुर प्रखंड स्थित मकसूदपुर गांव के रहने वाले विशाल का सबसे ज्यादा साथ उनके टीचर गौरी शंकर ने दिया। हर मुश्किल घड़ी में गौरी शंकर विशाल के साथ खड़े नजर आए। उन्होंने ही वक्त-वक्त पर विशाल को मोटिवेट किया।

नई दिल्ली। मेहनत करने वालों के सामने कोई भी परेशानी चींटी के जैसी होती है क्योंकि उन्हें अपने लक्ष्य के सिवा कुछ नहीं दिखा है। इस बात का जीता जागता उदाहरण हैं मुजफ्फरपुर के विशाल। जिन्होंने अपनी मेहनत के बलबूते पर UPSC पास की और अपने और अपने माता-पिता के सपने को साकार कर दिखाया है। इतना ही नहीं विशाल ने 484वां रैंक हासिल की है। विशाल सफलता का श्रेय अपने परिवार के अलावा अध्यापक गौरी शंकर प्रसाद को भी देते हैं..। विशाल बेहद ही गरीब घर से ताल्लुक रखते हैं जिनके पास बुनियादी सुविधाएं तक नहीं थी। तो चलिए हम आपको बताते हैं कि  कैसे विशाल ने तमाम मुश्किलों के बावजूद भी UPSC पास की और अपने परिवार का नाम ऊंचा किया।

टीचर गौरी शंकर ने उठाया पढ़ाई का खर्च

मुजफ्फरपुर के मीनापुर प्रखंड स्थित मकसूदपुर गांव के रहने वाले विशाल का सबसे ज्यादा साथ उनके टीचर गौरी शंकर ने दिया। हर मुश्किल घड़ी में गौरी शंकर विशाल के साथ खड़े नजर आए। उन्होंने ही वक्त-वक्त पर विशाल को मोटिवेट किया। मीडिया को दिए इंटरव्यू में विशाल ने बताया कि घर में पैसों की काफी तंगी थी। टीचर गौरी शंकर ने ही मेरी पढ़ाई का खर्चा उठाया और नौकरी छोड़ यूपीएससी की तैयारी करने के लिए मोटिवेट किया। विशाल ने बहुत कम उम्र में ही अपने पिता को खो दिया था। साल 2008 में विशाल के पिता की मौत हो गई थी जिसके बाद सारी जिम्मेदारी विशाल की मां ने संभाली। मां रीना देवी  भैंस और बकरी पालकर और दूध बेचकर घर खर्च चलाती थी लेकिन इस दौरान उन्होंने कभी भी बच्चों को पढ़ाई को प्रभावित नहीं होने दिया।

मां रीना देवी ने दिया भरपूर साथ

रीना देवी ने अपने बच्चों को सारी जरूरतों को पूरा किया। विशाल के पिता हमेशा से चाहते थे कि विशाल पढ़- लिखकर कुछ बड़ा काम करे और आज विशाल ने UPSC पास करके अपने पिता और परिवार का सपना पूरा किया है। इस खबर से विशाल और उसके पूरे परिवार में खुशी का माहौल है। विशाल की पढ़ाई की बात करें तो विशाल ने साल 2011 में मैट्रिक पास की थी और वो मैट्रिक टॉपर भी रह चुके हैं। जिसके बाद उन्होंने 2013 में IIT कानपुर में एडमिशन लिया। इसके एंटर्नस को पास करने के लिए भी विशाल मे बहुत मेहनत की थी। IIT पास आउट होने के बाद विशाल ने नौकरी करना शुरू कर दिया था। तभी टीचर गौरी शंकर ने उन्हें पढ़ाई छोड़ यूपीएससी करने की सलाह दी थी।