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Jammu & Kashmir: धारा 370 हटने के बाद पहला चुनाव, जम्मू में भाजपा को बहुमत, घाटी में भी खिला कमल

Jammu & Kashmir: इस चुनाव में जम्मू के 10 में से 6 जिलों में भाजपा (BJP) को बहुमत मिली है तो वहीं घाटी के कई जिलों में भी भाजपा ने अपना खाता खोला है और पार्टी का वोट शेयर भी इन जिलों में तेजी से बढ़ा है। ऐसे में घाटी में हुआ ये चुनाव बदलते कश्मीर की तरफ इशारा कर रहा है।

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में धारा 370 और 35 ए निरस्त होने के बाद पहली बार कोई चुनाव हो रहा था। DDC के इस चुनाव में पूरी तरह से लोकतांत्रिक प्रक्रिया की जीत करार दिया जा रहा है। इसके पीछे की वजह ये है कि घाटी से इन दो कानूनों के निरस्त होने के बाद पहली बार पंचायती राज्य व्यवस्था के लिए चुनाव हुआ जिसके लिए मतों की गिनती जारी है। इस चुनाव में पहली बार घाटी के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अपने मत का प्रयोग कर भारत के लोकतंत्र के प्रति अपनी आस्था का सबूत दिया।

Jammu & Kashmir DDC Election

इस चुनाव में जम्मू के 10 में से 6 जिलों में भाजपा को बहुमत मिली है तो वहीं घाटी के कई जिलों में भी भाजपा ने अपना खाता खोला है और पार्टी का वोट शेयर भी इन जिलों में तेजी से बढ़ा है। ऐसे में घाटी में हुआ ये चुनाव बदलते कश्मीर की तरफ इशारा कर रहा है।

अभी तक जिस तरह के परिणाम और रूझान सामने आ रहे हैं क्योंकि यहां कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच वोटों की गिनती का काम जारी है। उसकी मानें तो यहां DDC के 280 सीटों से प्राप्त परिणामों और रूझानों में गुपकार गठबंधन कुल 103 सीटों पर आगे है। वहीं भाजपा कुल 75 सीटों पर लीड कर रही है। कांग्रेस ने यहां 24 सीटों पर बढ़त बनाए रखा है। वहीं अपनी पार्टी 10 सीटों पर आगे है और निर्दलीय उम्मीदवारों को भी बड़ी संख्या में घाटी के लोगों का आशीर्वाद प्राप्त हुआ है। निर्दलीय भी 66 सीटों पर आगे चल रहे हैं।

bjp and Gupkar

भाजपा ने घाटी में काकपोरा(पुलवामा), तुलेल(बांदीपोरा), गुरेज(बांदीपोरा) में जीत दर्ज कर ली है वहीं कुपवाडा़ और अनंतनाग में पार्टी आगे चल रही है। वहीं डीडीसी चुनाव के नतीजों के रुझानों को देखा जाए तो जम्मू क्षेत्र में 10 जिले आते हैं और इनमें से 6 जिलों में BJP बहुमत के आंकड़े से आगे निकल गई है। इनमें जम्मू, सांबा, कठुआ, उधमपुर, डोडा और रेसाई हैं। वहीं अखनूर से भी भाजपा के उम्मीदवार ने जीत दर्ज कर ली है।

BJP Flag

भाजपा इस जीत से गदगद है और इसे पार्टी घाटी में अपने आने वाले भविष्य के तौर पर देख रही है। जबकि विपक्षी दल और खासकर गुपकार गठबंधन के दल इसे भाजपा की हार बता रहे हैं। इसी तरह की जीत भाजपा को ग्रेटर हैदराबाद निकाय चुनाव में भी मिली थी। भाजपा के लिए इस चुनाव में इस जीत के भी कई मायने निकाले जा रहे हैं। लेकिन इस सब के बीच एक बात तो साफ है कि नए कश्मीर में भारत के लोकतंत्र के प्रति वहां के लोगों का विश्वास बढ़ा है।

Kashmir BJP rally flag

हालांकि इस चुनाव में गुपकार गठबंधन की छह पार्टियों को घाटी में अच्छी बढ़त मिली है। इसके साथ ही इस गठबंधन में शामिल नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला इस बात का दावा कर रहे हैं कि ये जनादेश जनता ने उन्हें भाजपा के उस फैसले के खिलाफ दिया है जिसकी दुहाई देकर घाटी से 370 और 35 ए को हटाया गया है। ऐसे में उनकी दावेदारी फिर से घाटी में धारा 370 और 35 एक की बहाली को लेकर मजबूत हुई है।