एलसीए तेजस के साथ वायुसेना की 18 स्क्वाड्रन ‘फ्लाइंग बुलेट’ 27 मई को होगी संचालित
भारतीय वायुसेना के चीफ ऑफ एयर स्टाफ एयर चीफ मार्शल आर. के. एस. भदौरिया 27 मई को एयरफोर्स की 18 स्क्वाड्रन ‘फ्लाइंग बुलेट’ का परिचालन शुरू करेंगे। इस कार्यक्रम का आयोजन कोयम्बटूर के पास सुलूर एयरफोर्स स्टेशन पर किया जाएगा।
चेन्नई। भारतीय वायुसेना के चीफ ऑफ एयर स्टाफ एयर चीफ मार्शल आर. के. एस. भदौरिया 27 मई को एयरफोर्स की 18 स्क्वाड्रन ‘फ्लाइंग बुलेट’ का परिचालन शुरू करेंगे। इस कार्यक्रम का आयोजन कोयम्बटूर के पास सुलूर एयरफोर्स स्टेशन पर किया जाएगा।
रक्षा मंत्रालय की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, यह स्क्वाड्रन एलसीए तेजस विमान से लैस होगी। तेजस को उड़ाने वाली वायुसेना की यह दूसरी स्क्वाड्रन होगी। स्क्वाड्रन 18 का गठन 15 अप्रैल 1965 को आदर्श वाक्य ‘तीव्र और निर्भय’ के साथ किया गया था।
IAF Chief Air Chief Marshal RKS Bhadauria will operationalise No. 18 Squadron ‘Flying Bullets’ of the Indian Air Force on 27th May at the Sulur airbase. The Squadron will be equipped with LCA Tejas FOC Aircraft and will be the second IAF squadron to fly LCA Tejas. pic.twitter.com/InHwOZwwSu
— ANI (@ANI) May 25, 2020
बयान में कहा गया कि एयरफोर्स यह स्क्वाड्रन 15 अप्रैल 2016 से पहले मिग 27 विमान उड़ा रही थी। स्क्वाड्रन को इस साल 1 अप्रैल को सुलूर में फिर से शुरू किया गया था। इस स्क्वाड्रन ने पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध में सक्रिय रूप से भाग लिया था और मरणोपरांत फ्लाइंग ऑफिसर निर्मल जीत सिंह सेखों को सर्वोच्च वीरता पुरस्कार ‘परमवीर चक्र’ से सम्मानित किया गया था।
इस स्क्वाड्रन ने श्रीनगर में ‘डिफेंडर्स ऑफ कश्मीर वैली’ का पहला ग्राउंड बनाया और इसे संचालित किया। तेजस एक स्वदेशी चौथी पीढ़ी का टेललेस कंपाउंड डेल्टा विंग लड़ाकू विमान है। यह फाइटर जेट फ्लाई-बाय-वायर फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम, एकीकृत डिजिटल एवियोनिक्स, मल्टीमॉड रडार से लैस है। यह चौथी पीढ़ी के सुपरसोनिक लड़ाकू विमानों के अपने समूह में सबसे हल्का और सबसे छोटा विमान है।