रंजन गोगोई को है भरोसा विपक्ष के लोग जल्द उनके सदन में होने का स्वागत करेंगे
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने गुरुवार को राज्यसभा सांसद के तौर पर शपथ ली। रंजन गोगोई के राज्यसभा सांसद के रूप में शपथ लेने पर विपक्षी दलों के सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने गुरुवार को राज्यसभा सांसद के तौर पर शपथ ली। रंजन गोगोई के राज्यसभा सांसद के रूप में शपथ लेने पर विपक्षी दलों के सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया। इससे पहले विपक्षी दलों के सदस्य उनके शपथ ग्रहण के दौरान शेम-शेम जैसे शब्द का प्रयोग कर रहे थे। हंगामे पर आपत्ति जताते हुए सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि ऐसा व्यवहार सदस्यों की मर्यादा के अनुरूप नहीं है। गोगोई ने अंग्रेजी में शपथ ली। शपथ लेने के बाद उन्होंने सभापति और अन्य सदस्यों का अभिवादन किया।
सदन में हंगामे पर सभापति नायडू ने कहा, ‘आप संवैधानिक प्रावधानों को जानते हैं, आप उदाहरणों को जानते हैं, आप राष्ट्रपति के अधिकारों को जानते हैं। नायडू ने कहा कि आपको सदन में ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए। किसी मुद्दे पर पर आप अपनी राय सदन के बाहर व्यक्त करने के लिए स्वतंत्रता हैं। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि विपक्षी सदस्यों का आचरण पूरी तरह से अनुचित था।
राज्यसभा से शपथ ग्रहण करने के बाद जब रंजन गोगोई बाहर आए तो उनसे पत्रकारों ने सदन में उनके शपथ ग्रहण के समय किए गए व्यवहार के बारे में पूछा तो उन्होंने विपक्षी दलों के सदस्यों के वॉकआउट करने को लेकर कहा कि वे लोग बहुत जल्द मेरा स्वागत करेंगे। वह मेरे आलोचक नहीं हैं।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा राज्यसभा के लिए नामित किए जाने के बाद जहां विपक्ष हमलावर है। इस बीच, रंजन गोगोई ने कहा था ‘पहले मुझे शपथ ले लेने दीजिए फिर मैं मीडिया से विस्तार में बात करूंगा कि मैंने ये क्यों स्वीकार किया और मैं राज्यसभा क्यों जा रहा हूं।’
रंजन गोगोई को नामित किए जाने के बाद कांग्रेस के रणदीप सिंह सुरजेवाला, कपिल सिब्बल और एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल खड़े किए तो पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने उम्मीद जताई थी कि गोगोई इस प्रस्ताव को ठुकरा देंगे। हालांकि, रंजन गोगोई मीडिया से बातचीत में पहले ही कह चुके थे कि राष्ट्रपति के प्रस्ताव को उन्होंने स्वीकार कर लिया है।
रंजन गोगोई ने अपने कार्यकाल में अयोध्या भूमि विवाद, राफेल लड़ाकू विमान और सबरीमला में महिलाओं के प्रवेश समेत कई अहम मामलों पर फैसला सुनाने वाली पीठ की अध्यक्षता की थी। गृह मंत्रालय ने सोमवार रात अधिसूचना जारी कर गोगोई को उच्च सदन के लिये मनोनीत करने की घोषणा की थी।
रंजन गोगोई देश के 46वें चीफ जस्टिस रहे हैं। उन्होंने सीजेआई का पद तीन अक्टूबर 2018 से 17 नंवबर 2019 तक संभाला। 18 नवंबर, 1954 को असम में जन्मे रंजन गोगोई ने डिब्रूगढ़ के डॉन बोस्को स्कूल और दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज में पढ़ाई की। उनके पिता केशव चंद्र गोगोई असम के मुख्यमंत्री थे।