Violence Against Agneepath: अग्निपथ योजना के खिलाफ हिंसा करने वालों को पूर्व जनरल वीके सिंह ने सुनाई खरी-खरी, बोले- नहीं पसंद तो…
वीके सिंह ने साफ कहा है कि जिसकी मर्जी हो, वो इस योजना के तहत सेना में जाए या मर्जी न हो, तो मत जाए। नागपुर पहुंचे जनरल सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अगर किसी को नई भर्ती नीति पसंद नहीं है, तो वे सशस्त्र बलों में शामिल न हों।
नागपुर। अग्निपथ योजना के तहत सेना में अग्निवीर जवानों की भर्ती के खिलाफ बिहार समेत देशभर के कई राज्यों में जमकर उपद्रव और आगजनी हुई है। ऐसे ही तत्वों को अब केंद्रीय मंत्री और पूर्व सेना प्रमुख रिटायर्ड जनरल वीके सिंह ने खरी-खरी सुनाई है। वीके सिंह ने साफ कहा है कि जिसकी मर्जी हो, वो इस योजना के तहत सेना में जाए या मर्जी न हो, तो मत जाए। नागपुर पहुंचे जनरल सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अगर किसी को नई भर्ती नीति पसंद नहीं है, तो वे सशस्त्र बलों में शामिल न हों। उन्होंने कहा कि इसके लिए कोई बाध्यता नहीं है और लोगों को जबरदस्ती भर्ती तो नहीं किया जा रहा है।
#WATCH | Nagpur | It’s a voluntary scheme… Those who want to come can come…Who is saying you to come? You are burning buses and trains, has anyone told you that you will be taken to the army?..: Union Minister and former Army chief VK Singh on #AgnipathScheme pic.twitter.com/Egh1VqQX7Y
— ANI (@ANI) June 19, 2022
जनरल सिंह ने कहा कि सेना में शामिल होना अपनी इच्छा पर है। ये कोई मजबूरी नहीं है। अगर कोई शामिल होना चाहता है, तो उसकी इच्छा है। हम सैनिकों की जबरदस्ती भर्ती नहीं करते। अगर आपको अग्निपथ योजना पसंद नहीं है, तो इसमें शामिल न हों। आपको आने के लिए कह कौन रहा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी (कांग्रेस) केंद्र सरकार के बेहतर कामों में दोष खोज रही है, क्योंकि वो राहुल गांधी से ईडी की पूछताछ से नाराज है। जनरल सिंह ने कहा कि कांग्रेस युवाओं को गुमराह कर देश में अशांति पैदा करने की कोशिश कर रही है। बता दें कि प्रियंका गांधी ने कल कहा था कि अग्निपथ योजना युवाओं और सेना के लिए विनाशकारी कदम है। प्रियंका ने इसका इलाज केंद्र की मोदी सरकार को हटाने का बताया था।
पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने कहा कि सेना न तो रोजगार देने वाली एजेंसी है, न कंपनी और न दुकान ही है। उन्होंने कहा कि लोग देश सेवा के लिए अपनी मर्जी से सेना में आते हैं। अग्निपथ योजना के एलान के अगले दिन से ही बिहार समेत तमाम राज्यों में हिंसा और आगजनी हुई है। अब तक इस मामले में 1000 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। बिहार में ही सबसे ज्यादा हिंसा की घटनाएं देखने को मिली हैं। यहां करीब 10 ट्रेनों के डिब्बे और इंजन प्रदर्शनकारियों ने जला दिए थे। इसके अलावा लखीसराय स्टेशन के बाहर आम लोगों की गाड़ियों को भी आग के हवाले किया गया था। बिगहा स्टेशन से 3 लाख रुपए भी उपद्रवियों ने लूटे थे।