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‘ऑपरेशन मेघदूत’ की अगुवाई कर पाक को धूल चटाने वाले पीएन हून का निधन

भारतीय सेना के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल और ऑपरेशन मेघदूत की अगुवाई करने वाले पीएन हून का आज चंडीगढ़ में निधन हो गया। वे 91 साल के थे और लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे। उनके निधन की वजह हैमरेज बताई जा रही है।

नई दिल्ली। भारतीय सेना के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल और ऑपरेशन मेघदूत की अगुवाई करने वाले पीएन हून का आज चंडीगढ़ में निधन हो गया। वे 91 साल के थे और लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे। उनके निधन की वजह हैमरेज बताई जा रही है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, लेफ्टिनेंट जनरल पीएन हून का अंतिम संस्कार मंगलवार दोपहर 3.30 बजे चंडीगढ़ के सेक्टर 25 के श्मशानघाट में होगा।

PN Hoon

पीएन हून ने करीब चार दशकों तक भारतीय सेना की सेवा की। वे 1987 में वेस्टर्न कमांड के चीफ के रूप में रिटायर हुए थे। इसके बाद 2013 में उन्होंने भाजपा ज्वॉइन कर ली थी। उनके नेतृत्व में भारतीय सेना ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी सियाचिन पर तिरंगा फहराया था। इसे ‘ऑपरेशन मेघदूत’ नाम दिया गया था।

क्या है ऑपरेशन मेघदूत?

भारत को अपनी खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) से खबर मिली कि 17 अप्रैल, 1984 को पाकिस्तान सेना सियाचिन ग्लेशियर में कब्जे के लिए चढ़ाई करेगी। अगर पाकिस्तान इस चोटी पर कब्जा कर लेता, तो भारतीय सेना को हराने में उसे ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती। ये खबर मिलने के बाद ही भारतीय सेना हरकत में आ गई।

Indian Army celebrates at Siachen Glacier1

इसके बाद 13 अप्रैल 1984 को भारतीय सेना ने सियाचिन में ऑपरेशन मेघदूत लॉन्च किया। खास बात ये थी कि बर्फ में पहने जाने वाले कपड़े और साजो-सामान सेना के पास 12 अप्रैल की रात को ही पहुंचे थे।दुनिया के सबसे ऊंचे मैदान-ए-जंग में सीधे टकराव की यह एक तरह से पहली घटना थी। इसे ऑपरेशन मेघदूत नाम दिया गया और इसने भारत की सामरिक रणनीतिक जीत की नींव रखी। पीएन हून इस ऑपरेशन के हीरो थे।