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VIDEO: भरी सभा में आपस में ही भिड़े गहलोत के मंत्री, गिनाई अपनी ही सरकार की खामियां, हक्के-बक्के रह गए मुख्यमंत्री

दरअसल, बीते कुछ दिनों से देखा जा रहा है कि राजस्थान में गहलोत सरकार के खिलाफ उनके ही विधायक और मंत्री अपना झंडा बुलंद कर रहे हैं। कोई उन्हें किसी मसले को लेकर को निशाने पर ले रहे हैं, तो कोई उन्हें किसी मसले को लेकर निशाने पर ले रहा है, वो भी उनके ही मंत्री और विधायक। मतलब, आजकल राजस्थान में विपक्षी दलों की भूमिका गहलोत के मंत्री और विधायक ही निभा रहे हैं।

नई दिल्ली। राजनीतिक विज्ञान का सामान्य-सा सिद्धांत है कि एक लोकतांत्रिक शासन प्रणाली में सरकार की आलोचना करने के लिए विपक्षी दल मुस्तैद रहते हैं। मानो किसी गिद्ध की मानिंद वो सरकार की हर गतिविधियों पर अपनी नजरें बनाएं रखते हैं और शासन से संदर्भित प्रत्येक आलोचनात्मक तथ्यों को लोगों के समक्ष पेश करते हैं। खैर, गाहे-बगाहे ही सही, लेकिन विपक्षी दलों की यह प्रवृत्ति लोकतंत्र को संबल बनाने की दिशा में अपना अमूल्य योगदान देते हैं, जिसके लिए वे प्रशंसा के पात्र हैं, लेकिन आजकल राजस्थान, जहां कांग्रेस की सरकार है, और मुख्यमंत्री की कुर्सी पर अशोक गहलोत विराजमान हैं, वहां पर पिछले कुछ दिनों से बड़ी ही विचित्र स्थिति देखने को मिल रही है। स्थिति विचित्रता अब इस कदर अपने चरम पर पहुंच चुकी है कि इस स्थिति को देखकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कुछ समझ नहीं आ रहा है कि क्या किया जाए? यह क्या हो रहा है और क्यों हो रहा है। अब ऐसे में सीएम गहलोत क्या कदम उठाते हैं। ये तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन, आइए उससे पहले पूरा माजरा विस्तार से बताते हैं।

जानें पूरा माजरा

दरअसल, बीते कुछ दिनों से देखा जा रहा है कि राजस्थान में गहलोत सरकार के खिलाफ उनके ही विधायक और मंत्री अपना झंडा बुलंद कर रहे हैं। कोई उन्हें किसी मसले को लेकर को निशाने पर ले रहे हैं, तो कोई उन्हें किसी मसले को लेकर निशाने पर ले रहा है, वो भी उनके ही मंत्री और विधायक। मतलब, आजकल राजस्थान में विपक्षी दलों की भूमिका गहलोत के मंत्री और विधायक ही निभा रहे हैं। इससे प्रदेश के विपक्षी दलों के दायित्वों का बोझ तो कम हो गया है, लेकिन गहलोत की चिंता बढ़ गई है। उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि कहीं ये सभी विधायक एकजुट होकर उनके ही खिलाफ ना मोर्चा खोल दें। बता दें कि हाल ही में एक जनसभा को संबोधित करने के क्रम में गहलोत सरकार के पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने खराब सड़कों को लेकर सीएम अशोक गहलोत के सामने ही PWD मंत्री भजनलाल जाटव की जमकर क्साल लगा डाली थी।

उन्होंने अपनी सरकार पर परोक्ष रूप से तंज कसते हुए कहा कि मेरे गले में जो पट्‌टा है, वह मंत्री भजनलाल के कारण ही है। उन्होंने आगे कहा कि सड़कों की इतनी खराब हालत है,प्रेग्नेंट महिला को हॉस्पिटल लेकर जाओ तो, रास्ते में ही डिलीवरी हो जाती है। वहीं, इससे पहले टोंक में विधायक बैरवा ने गिनवाई टूटी सड़कों की पीड़ा प्रकट करते हुए विधायक प्रशांत बैरवा ने मंच से मुख्यमंत्री से 200 करोड़ रुपए की डिमांड कर डाली थी।

तो गहलोत सरकार के मंत्री और विधायकों के बयान इस बात को जाहिर करने के लिए पर्याप्त है कि प्रदेश सरकार की स्थिति कुछ दुरूस्त नहीं चल रही है। अब ऐसे में इस गहलोत सरकार की स्थिति आगामी दिनों में कैसी रहती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम