भड़काऊ भाषण : शरजील इमाम के बाद अब यूपी एसटीएफ ने दबोचा डॉ. कफील
उल्लेखनीय है कि डॉ. कफिल 2017 में गोरखपुर के एक अस्पताल में हुई तमाम बच्चों की संदिग्ध मौतों के मामले में भी फंसा था। वो मामला अभी पूरी तरह निपट भी नहीं पाया था कि अब कफील इस मुसीबत में फंस गया।
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने मुंबई से बुधवार को डॉ. कफील को गिरफ्तार कर लिया। उस पर बीते साल दिसंबर में अलीगढ़ विश्वविद्यालय (एएमयू) के छात्रों के बीच भड़काऊ भाषण देने का संगीन आरोप है। एसटीएफ अधिकारियों के मुताबिक आरोपी ने 12 दिसंबर 2019 को आरएसएस (राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ) पर कीचड़ उछालने संबंधित भड़काऊ भाषण भी दिया था। उस वक्त मौके पर स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव भी उसके साथ मौजूद थे।
आईएएनएस को फोन पर यह जानकारी यूपी एसटीएफ प्रमुख अमिताभ यश ने दी। उन्होंने कहा, “डॉ. कफील के ने यह भड़काऊ भाषण पिछले साल 12 दिसंबर को एएमयू के छात्रों के बीच दिया था। इस भाषण की पूरी वीडियो रिकॉर्डिग थाना सिविल लाइंस के दारोगा दानिश द्वारा की गयी थी। भाषण में साफ साफ दिखाई-सुनाई पड़ रहा है कि, डॉ. कफील हिंदुस्तानी हुकूमत के खिलाफ कैसे आग उगल रहा है।
Dr Kafeel Khan arrested by UP Police for “promoting enmity between two communities”. pic.twitter.com/l8ZEGcYSxh
— Ananya Bhardwaj (@BhardwajAnanya) January 29, 2020
आईएएनएस के पास मौजूद अलीगढ़ के सिविल लाइंस थाने में 13 दिसंबर 2019 को दर्ज एफआईआर की प्रति में डॉ. कफील द्वारा फैलाए जा रहे वैमनस्य का पूरा ब्योरा दर्ज है। एफआईआर में बहैसियत शिकायतकर्ता सब-इंस्पेक्टर दानिश ने लिखवाया है, “12 दिसंबर को रात करीब साढ़े नौ बजे मैं सिपाही अखिलेश के साथ अलीगढ़ विवि के बाब-ए-सय्यद गेट के पास मौजूद था। वहां पर अलीगढ़ विवि के करीब 600 छात्रों की भीड़ थी।”
एफआईआर में दर्ज मजमून में आगे लिखा गया है, “छात्रों की उस भारी तादाद वाली भीड़ के बीच डॉ. कफील के साथ-साथ स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव भी मौजूद थे। दोनो ने छात्रों की सभा को संबोधित किया। डॉ. कफील ने अपने संबोधन में सरकार और आरएसएस के खिलाफ जहर उगला। डॉ. कफिल का भाषण मौके पर मौजूद एक समुदाय-विशेष के विद्यार्थियों को हिंदुस्तानी हुकूमत के खिलाफ सिर्फ और सिर्फ भड़का रहा था।”
एफआईआर के मुताबिक, “गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में कुछ साल पहले एक साथ हुई कई बच्चों की संदिग्ध मौत के मामले में गिरफ्तार हो चुके डॉ. कफील ने भाषण के जरिये सिर्फ और सिर्फ समाज में जहर भरने की ही कोशिश की है।”
मामले के शिकायतकर्ता दारोगा दानिश ने यह भाषण खुद ही रिकॉर्ड भी किया था। एफआईआर के अनुसार, डॉ. कफिल ने अपने भड़काऊ भाषण में कुछ समुदायों को भी नाम लेकर बदनाम करने की कोशिश की थी। यूपी एसटीएफ प्रमुख अमिताभ यश ने आईएएनएस को बताया, “एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही डॉ. कफिल फरार था। उसकी तलाश में कई जगह छापे मारे जा रहे थे। बुधवार को डॉ. कफील एसटीएफ की टीम को मुंबई में हाथ लग गया।”
उल्लेखनीय है कि डॉ. कफिल 2017 में गोरखपुर के एक अस्पताल में हुई तमाम बच्चों की संदिग्ध मौतों के मामले में भी फंसा था। वो मामला अभी पूरी तरह निपट भी नहीं पाया था कि अब कफील इस मुसीबत में फंस गया। यूपी एसटीएफ प्रमुख के मुताबिक, “फरार चल रहे डॉ. कफिल को मुंबई में एडिश्नल एसपी सत्यसेन और दो इंस्पेक्टर ब्रजेंद्र शर्मा व प्रमोद वर्मा की टीम ने दबोचा।”
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि, देश में भड़काऊ भाषण देकर समाज में कटुता फैलाने के मामले में दो दिन के अंदर यह दूसरी गिरफ्तारी है। डॉ. कफील की मुंबई में गिरफ्तारी से ठीक एक दिन पहले मंगलवार को दिल्ली पुलिस अपराध शाखा ने बिहार के जहानाबाद इलाके से शरजील इमाम को दबोचा था। जवाहर लाल नेहरु विवि का छात्र नेता शरजील इमाम भी देश के खिलाफ भाषण देकर छिपता फिर रहा था। फिलहाल बुधवार की शाम से वो 5 दिन की दिल्ली पुलिस की कस्टडी में धक्के खाता फिर रहा है। शरजील इमाम ने भी असम को देश से अलग करने का विवादित बयान दिया था।