नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा विवाद के बीच भारत सरकार लगातार चीनी सामानों को लेकर सख्त हो गई है। सरकार ने 29 जून को 59 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था जिसमें टिकटॉक और शेयर इट जैसे बड़े ऐप शामिल थे। इस कदम के बाद अब फिर से मोदी सरकार ने 47 और चाइनीज Apps पर बैन लगा दिया है जो पहले बैन किए गए ऐप्स के क्लोन के तौर पर काम कर रहे थे।
सूत्रों के मुताबिक चीनी ऐप्स की नई लिस्ट तैयार की जा रही है और इसमें कुछ टॉप गेमिंग ऐप्स भी शामिल हैं। मुमकिन है अगली लिस्ट आने के बाद भारत में कई पॉपुलर चीनी गेम्स भी बैन किए जा सकते हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में सरकार पबजी और अली एक्सप्रेस जैसे पॉपुलर ऐप्स पर भी प्रतिबंध लगा सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक़ इस बार 200 से ज़्यादा ऐप्स की लिस्ट बनाई जा रही है, जिसमें पबजी और अली एक्सप्रेस शामिल है।
रिपोर्ट के मुताबिक ये ऐप्स चीन के साथ कथित तौर पर डेटा शेयर कर रहे हैं और इस वजह से सरकारी एजेंसियां इनका रिव्यू कर रही हैं। फिलहाल सरकार की तरफ से नए ऐप्स बैन को लेकर कोई स्टेटमेंट जारी नहीं किया गया है।
अब सवाल ये है कि क्या पबजी को भी इस बार बैन कर दिया जाएगा? क्योंकि पबजी के भी कई कनेक्शन चीन से जुड़े हैं, हालांकि ये ऐप पूरी तरह चीनी नहीं कहा जा सकता है।
इसके पहले इन ऐप्स पर लगाया गया है बैन
- TikTok
- Shareit
- Kwai
- UC Browser
- Baidu map
- Shein
- Clash of Kings
- DU battery saver
- Helo
- Likee
- YouCam makeup
- Mi Community
- CM Browers
- Virus Cleaner
- APUS Browser
- ROMWE
- Club Factory
- Newsdog
- Beutry Plus
- UC News
- QQ Mail
- Xender
- QQ Music
- QQ Newsfeed
- Bigo Live
- SelfieCity
- Mail Master
- Parallel Space 31. Mi Video Call – Xiaomi
- WeSync
- ES File Explorer
- Viva Video – QU Video Inc
- Meitu
- Vigo Video
- New Video Status
- DU Recorder
- Vault- Hide
- Cache Cleaner DU App studio
- DU Cleaner
- DU Browser
- Hago Play With New Friends
- Cam Scanner
- Clean Master – Cheetah Mobile
- Wonder Camera
- Photo Wonder
- QQ Player
- We Meet
- Sweet Selfie
- Baidu Translate
- Vmate
- QQ International
- QQ Security Center
- QQ Launcher
- U Video
- V fly Status Video
- Mobile Legends
- DU Privacy
आपको बता दें कि भारत-चीन विवाद को देखते हुए देश में चीन की चीजों पर प्रतिबंध लगाने की मांग हो रही थी। माना जा रहा है सरकार ने ऐसे माहौल में ये कदम उठाया है।