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Central Vista की लागत पर सरकारी आंकड़े ने विपक्ष की खोली पोल, राहुल, प्रियंका से लेकर लेफ्ट ने ऐसे फैलाया था झूठ

Central Vista Project: लोकसभा में सरकार की तरफ से सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के निर्माण को लेकर जो अनुमान अब बताया गया है उससे साफ है कि विपक्षी दलों के नेताओं ने जो लागत बताई, वो जनता में गलत जानकारी शेयर करने के उद्देश्य थी।

नई दिल्ली। कोरोना काल में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के निर्माण को लेकर विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर रहा है। विपक्ष की तरफ से आरोप है कि जहां देश में लोग कोरोना संकट से जूझ रहे हैं वहीं केंद्र नए संसद भवन को बनाने में 20,000 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। हालांकि अलग-अलग विपक्षी नेताओं की तरफ से ये आंकड़ें अलग-अलग बताए गए। वहीं इन गुमराह करने वाले बयानों को लेकर लोकसभा में आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री कौशल किशोर ने साफ किया कि आखिर सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास / विकास मास्टर प्लान के तहत कितने रुपये खर्च होंगे। कौशल किशोर ने बताया कि, नए संसद भवन का निर्माण 971 करोड़ रुपये के अनुमान पर किया जा रहा है और अक्टूबर 2022 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने सदन में बताया कि सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का पुनर्विकास 608 करोड़ रुपये के अनुमान पर किया जा रहा है और जिसे नवंबर 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

central Vista

कौशल किशोर ने लोकसभा में जानकारी देते हुए कहा कि, ‘अब तक, इन 2 परियोजनाओं पर नए संसद भवन के लिए 238 करोड़ रुपये और सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के पुनर्विकास के लिए 63 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए इन 2 परियोजनाओं पर होने वाली अनुमानित लागत 1,289 करोड़ रुपये है।’ वहीं, उन्होंने बताया कि मौजूदा ढांचों को गिराने की अनुमानित लागत की गणना अलग से नहीं की गई है।

इन आंकड़ों के आने के बाद अब जरा नजर डाल लेते हैं विपक्ष के उन नेताओं पर जो इस प्रोजेक्ट के निर्माण को लेकर गलत लागत का ढिंढोरा पीट रहे थे। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसी साल मई की 4 तारीख को ट्वीट करते हुए कहा था कि, इस प्रोजेक्ट को लेकर सरकार इसपर 13450 करोड़ रुपये खर्च कर रही है।

वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी इसी साल मई की 10 तारीख को एक ट्वीट में कहा था कि, पीएम मोदी के नए घर को बनाने में 20 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके अलावा उन्होंने इस लागत को कोरोना काल में बेहतर सुविधाओं में खर्च होने वाली राशि से तुलना की थी।

इसके अलावा लेफ्ट नेता सीताराम येचुरी ने तो इस प्रोजेक्ट में 35 हजार करोड़ रुपये खर्च होने की बात कही थी। हालांकि उनके दावे और सरकार की सफाई में जो आंकड़ें बताए गए हैं, उसमें जमीन आसमान का अंतर नजर आ रहा है।

राजनेताओं के अलावा वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने द प्रिंट की एक खबर को ट्वीट कर कहा था कि, सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के निर्माण में 20 हजार करोड़ रुपये खर्च होगा।

बता दें कि लोकसभा में सरकार की तरफ से सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के निर्माण को लेकर जो अनुमान अब बताया गया है उससे साफ है कि विपक्षी दलों के नेताओं ने जो लागत बताई, वो जनता में गलत जानकारी शेयर करने के उद्देश्य थी। इससे लोगों में सरकार की गलत छवि बनाने का उद्देश्य दिखा। लोकसभा में आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री कौशल किशोर ने सफाई के बाद अब जनता भी इस सच को जान पाएगी कि आखिर इस प्रोजेक्ट में असली लागत कितनी होगी।