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Karnataka: मंगलुरू में ज्ञानवापी जैसा मसला, मस्जिद में हिंदू वास्तुशिल्प जैसा डिजाइन

Karnataka: दरअसल, कर्नाटक के मंगलुरू शहर से बाहर के इलाके से गुरुप्रा तालुक में एक मस्जिद है। आजकल इस मस्जिद मरम्मत का कार्य चल रहा है। बताया जा रहा है कि इस मस्जिद के नीचे कथित तौर पर हिंदू मंदिर जैसा वास्तुशिल्प डिजाइन मिला है।

नई दिल्ली। हिंदुस्तान में इन दिनों मंदिर बनाम मस्जिद और अली बनाम बली की लड़ाई जोर-शोर से चल रही है। सबसे पहले महाराष्ट्र से अली बनाम बली की लड़ाई शुरू हुई। जहां पर मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने महाराष्ट्र में अजान के खिलाफ आवाज उठाई और मस्जिदों से निकलने वाली अजान की आवाज से परेशान होकर उसे बंद कराने की मांग की। जिसके लिए उन्होंने मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग की। महाराष्ट्र के बाद ये मुद्दा कुछ दिनों के लिए पूरे देशभर में छाया रहा। इसके बाद वाराणसी के विवादित ज्ञानवापी मस्जिद का मुद्दा छाया हुआ है। बता दें कि ज्ञानवापी के मुद्दे में हिंदू पक्ष और मुस्लिम पक्ष आमने सामने आ गए थे। दरअसल, इस मामले में हिंदू पक्ष का मानना था कि मस्जिद में हिंदू देवी-देवताओं के साक्ष्य मौजूद हैं। इसलिए, मस्जिद को सील करके और इसकी वीडियोग्राफी करके मस्जिद की जांच की जाए। इसके विपरीत मुस्लिम पक्ष इन सब बातों को नकार रहा था। लेकिन जब कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई तो कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को झटका लगाते हुए मस्जिद में वीडियोग्राफी की इजाजत दी थी। फिलहाल अब इस मामले में कोर्ट कमिश्नर ने सर्वे कर इसकी रिपोर्ट स्थानीय अदालत में जमा कर दी है। अब एक इसी से मिलता जुलता मामला कर्नाटक के मंगलुरू से आ रहा है।

KARNATAK MASJID

मस्जिद पर मिला हिंदू वास्तुशिल्प जैसा डियाइन

दरअसल, कर्नाटक के मंगलुरू शहर से बाहर के इलाके से गुरुप्रा तालुक में एक मस्जिद है। आजकल इस मस्जिद मरम्मत का कार्य चल रहा है। बताया जा रहा है कि इस मस्जिद के नीचे कथित तौर पर हिंदू मंदिर जैसा वास्तुशिल्प डिजाइन मिला है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक यह घटना अप्रैल की है। अब हिंदू संगठनों इस मस्जिद के मरम्मत कार्य पर रोक लगाने की मांग की जा रही है। इसके साथ ही ये मांग भी की गई है कि इस मस्जिद के बारे में जांच कराई जाए अगर यहां पर हिंदू साक्ष्य मिलते है, तो फिर मस्जिद को यहा से हटाया जाए। इससे पहले मामले के सामने आते ही विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन से दस्तावेजों के सत्यापन की मांग की है।

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बता दें कि यहां के स्थानीय लोगों का इस मसले पर कहना है कि जिस इलाके में आज मस्जिद वहां पर पहले मंदिर मौजूद था। अब प्रशासन ने दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की है।