Varanasi: ज्ञानवापी मस्जिद केस में आज का दिन फिर अहम, नंदी के सामने की दीवार गिराने पर फैसला सुना सकता है कोर्ट

14,15 और 16 मई को ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कोर्ट के आदेश पर हुआ था। इस सर्वे के दौरान वजूखाना के टैंक में शिवलिंग जैसी आकृति मिली थी। हिंदू पक्ष का दावा है कि इसके ठीक सामने ही मस्जिद के बाहर नंदी की मूर्ति है और इसी वजह से ये शिवलिंग है।

Avatar Written by: May 18, 2022 9:35 am
nandi statue

वाराणसी। वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के मामले में आज का दिन अहम हो सकता है। यहां की स्थानीय अदालत आज फैसला सुना सकती है कि मस्जिद के बाहर विराजमान नंदी की मूर्ति के सामने की दीवार गिराकर और जहां कथित शिवलिंग मिला है, उसके नीचे जाने के रास्तों को खुलवाकर फिर से सर्वे कराया जाए या नहीं। हिंदू पक्ष ने मंगलवार को इस बारे में कोर्ट में अर्जी दी थी। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से निचली अदालत में कार्यवाही पर रोक न लगाए जाने के कारण सिविल जज रवि कुमार दिवाकर इस बारे में फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं।

Varanasi Gyanvapi Case

दरअसल, 14,15 और 16 मई को ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कोर्ट के आदेश पर हुआ था। इस सर्वे के दौरान वजूखाना के टैंक में शिवलिंग जैसी आकृति मिली थी। हिंदू पक्ष का दावा है कि इसके ठीक सामने ही मस्जिद के बाहर नंदी की मूर्ति है और इसी वजह से ये शिवलिंग है। उन्होंने मांग की थी कि वजूखाने के टैंक के नीचे जाने का जो रास्ता बंद किया हुआ है, उसे खुलवाया जाए और नंदी के सामने वाली मस्जिद की दीवार भी गिराकर नया सर्वे किया जाए। कोर्ट अब इस अहम मुद्दे पर दोनों पक्षों की राय जानकर फैसला सुनाएगी।

Gyanvapi Row...

मुस्लिम पक्ष हालांकि, लगातार कह रहा है कि वजूखाने में जो शिवलिंग जैसी आकृति मिली है, वो फव्वारा है। उसका कहना है कि पहले ये फव्वारा चलता था, लेकिन पिछले करीब 50 साल से बंद पड़ा है। वहीं, हिंदू पक्ष कह रहा है कि फव्वारा ऐसा नहीं होता और इसे चलाने की कौन सी तकनीक है, वो मुस्लिम पक्ष बताए। हिंदू पक्ष का दावा है कि जो शिवलिंग है, उसे पुराणों में सौ फिट का बताया गया है। ऐसे में उसका काफी हिस्सा वजूखाने के नीचे हो सकता है। बता दें कि कल सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद शिवलिंग की आकृति की सुरक्षा का जिम्मा वाराणसी प्रशासन को दिया था। हालांकि, मस्जिद में नमाज अदा करने जाने वाले मुसलमानों की संख्या को तय करने के स्थानीय कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी।