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Crypto-terror link: क्रिप्टो का आंतक कनेक्शन: Hamas ने चुराई कारोबारी की क्रिप्टो, दिल्ली पुलिस की जांच में खुलासा

cryptocurrency : दरअसल, साल 2019 में दिल्ली पुलिस में क्रिप्टो वॉयलेट से दूसरे वॉयलेट में क्रिप्टो के ट्रांसफर करने को लेकर एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसके पुलिस ने इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है और अब जांच के उपरांत जो सच्चाई निकलकर सामने आई है, वो यकीनन हैरान कर देने वाली है।

नई दिल्ली। अब जब क्रिप्टो का चलन बढ़ रहा है, तो यह कहना भी मुनासिब रहेगा, कि आगामी दिनों में क्रिप्टो से होने वाले अपराधों में तेजी दिखेगी, तो अब आप खुद को क्रिप्टो से होने वालो ठगी और अपराध की खबरों से रूबरू करने के लिए तैयार कर लीजिए। वो इसलिए, क्योंकि अभी क्रिप्टो के मार्फत हुई ठगी का ताजा मामला राजधानी दिल्ली से सामने आया है, जहां पर एक शख्स के क्रिप्टो वॉयलट से दूसरे क्रिप्टो वॉयलेट में ट्रांसफर होने के मामला सामने आया है, जिससे अहम सवाल खड़ा होता है कि आखिर जिस तरह से हम अपनी भौतिक मुद्रा को किसी तिजौरी या बैंक में महफूज करके रख लेते हैं, क्या उसी तर्ज पर डिजिटल करेंसी को नहीं रखा जा सकता है। आइए, आगे इस पूरे मामले को विस्तार से जानते हैं।

जानिए पूरा मामला

दरअसल, साल 2019 में दिल्ली पुलिस में क्रिप्टो वॉयलेट से दूसरे वॉयलेट में क्रिप्टो के ट्रांसफर करने को लेकर एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसके बाद पुलिस ने इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी और अब जांच के उपरांत जो सच्चाई निकलकर सामने आई है, वो यकीनन हैरान कर देने वाली है। दिल्ली पुलिस की जांच के मुताबिक, पीड़ित का पैसा आतंकी संगठन हमास के वॉयलेट में ट्रांसफर किया गया है। इस बात की जानकारी पीड़ित को तब लगी, जब उसने अपने वॉयलेट की जांच की, तो उसके होश फाख्ता हो गए। बहरहाल, अभी तक दिल्ली पुलिस के लिए यह पूरा मामला अबूझ पहेली बनी हुई है कि आखिर यह सब हुआ कैसे? तो आपको बताते चलें कि क्रिप्टो से जुड़ी इस ठगी को हैकींग के जरिए अंजाम दिया गया था।

 

क्रिप्टो अमाउंट को जिस वॉयलेट में ट्रांसफर किया गया था, उसे क्रिप्टोकरेंसी वॉयलेट को अलकासिम ब्रिगेट्स द्वारा ऑपरेट किया जा रहा था। अब आप पूछेंगे कि आखिर अलकासिम क्या है, तो आपको बताते चले कि अलकासिम हमास आतंकी संगठन का सैन्य विभाग है, जो हमास की वित्तीय गतिविधियों के साथ-साथ सैन्य गतिविधियों की भी निगरानी करता है। क्रिप्टोकरंसी के जिस वॉलेट में पीड़ित का पैसा ट्रांसफर किया गया वॉयलेट को इजरायल की नेशनल ब्यूरो फ़ॉर काउंटर टेरर फाइनेंसिंग ने सीज कर लिया था, जो अकाउंट इज़राइल ने सीज किया उसका संबंध मोहम्मद नासिर इब्राहिम अब्दुल्ला से था। बहरहाल, इस पूरे मामले के संज्ञान में आने के बाद अब ये बात भी साफ जाहिर होती है कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर वित्तीय जोखिमों का खतरा भी बरकरार है।