अहमदाबाद। आखिरकार पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया। हार्दिक काफी दिन से कांग्रेस आलाकमान यानी गांधी परिवार से नाराज थे। उन्होंने पिछले दिनों राहुल गांधी से बातचीत करने के लिए वक्त मांगा था। राहुल ने अहमदाबाद दौरे में वक्त तो दिया, लेकिन कम। इसके बाद हार्दिक ने कहा था कि अगले हफ्ते वो दिल्ली जाकर राहुल से मिलेंगे और फिर फैसला लेंगे। राहुल ने दिल्ली में मुलाकात का वक्त नहीं दिया। इसके बाद आज हार्दिक पटेल ने कांग्रेस से इस्तीफा देने का फैसला किया। हार्दिक ने इस्तीफा देने के बाद लंबा बयान जारी किया है। इसमें उन्होंने अपनी नाराजगी की वजहों को गिनाया है।
हार्दिक ने अपने बयान में कहा है कि कांग्रेस आलाकमान को गुजरात की जनता से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि आलाकमान से मैं जब बात कर रहा था, तो उनका ध्यान गुजरात के लोगों से ज्यादा अपने मोबाइल पर था। उन्होंने ये भी लिखा कि आम कार्यकर्ता तो सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा कर कांग्रेस का माहौल बनाने में लगा रहता है। जबकि, स्थानीय नेता इस पर नजर रखते हैं कि दिल्ली से आए नेता को चिकन सैंडविच मिला या नहीं। हार्दिक ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी ने युवाओं का भरोसा भी तोड़ा है और इस वजह से युवाओं ने पार्टी का साथ छोड़ दिया है।
बता दें कि हार्दिक ने पिछले दिनों बीजेपी की तारीफ की थी। इसके बाद गुजरात की बीजेपी सरकार ने हार्दिक पर लगे एक केस को वापस भी ले लिया था। इसके बाद से ही कयास लग रहे थे कि चुनावी साल में हार्दिक पटेल अब बीजेपी में जा सकते हैं। हार्दिक पाटीदार नेता हैं और इस वर्ग का गुजरात के समाज में काफी महत्व है। हालांकि, खबरें ये भी उड़ीं कि आम आदमी पार्टी AAP की तरफ से भी हार्दिक को शामिल होने का न्योता है।