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कोरोनावायरस : हज़रत निजामुद्दीन के मरकज ने की क्वारंटीन सुविधा की पेशकश

कोरोना संकट के बीच दिल्ली स्थित मरकज निजामुद्दीन में विभिन्न राज्यों से आए लोगों में तेलंगाना के कुछ लोगों की कथित मौत के बाद मंगलवार को मरकज निजामुद्दीन ने अपने परिसर को संगरोध सुविधा के रूप में इस्तेमाल करने की सरकार को पेशकश की है।

नई दिल्ली। दिल्ली स्थित मरकज निजामुद्दीन में विभिन्न राज्यों से आए लोगों में तेलंगाना के कुछ लोगों की कथित मौत के बाद मंगलवार को मरकज निजामुद्दीन ने अपने परिसर को संगरोध सुविधा के रूप में इस्तेमाल करने की सरकार को पेशकश की है। मरकज ने जारी एक बयान में कहा है, “मर्कज निजामुद्दीन पूरे परिसर को वर्तमान में महामारी की चुनौती से निपटने में अधिकारियों की मदद करने के लिए एक संगरोध सुविधा के रूप में विनम्रतापूर्वक पेश करना चाहेगा।”


बयान में यह भी स्पष्ट किया गया है कि तब्लीगी जमात का कार्यक्रम राजधानी और बाद में देश भर में तालाबंदी की घोषणा से पहले ही शुरू हुआ था। बयान में आगे कहा गया है, “जब माननीय प्रधानमंत्री ने 22 मार्च, 2020 को जनता कर्फ्यू की घोषणा की, केंद्र में चल रहे कार्यक्रम को तुरंत बंद कर दिया गया। हालांकिए 21 मार्च, 2020 को देश भर में रेलवे के अचानक रद्द होने के कारण आगंतुकों का एक बड़ा समूह परिसर में फंस गया।”


मरकज ने बयान में आगे कहा है, “जनता कर्फ्यू के दौरान आगंतुकों को सलाह दी गई कि वे रात नौ बजे तक बाहर न निकलें। लेकिन इसी बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री ने अगले दिन यानी 23 मार्च को दिल्ली में एक सप्ताह की तालाबंदी की घोषणा की, जो कि 31 मार्च तक थी। इससे आगंतुकों की घर वापसी की संभावना कम हो गई।”


मरकज ने बयान में पूरे प्रकरण का सिलसिलेवार ब्यौरा दिया है, और कहा है कि संस्था देश में कोरोनावायरस महामारी के बीच जारी दिशा-निर्देशों के अनुपालन में अधिकारियों का पूरा सहयोग किया। मरकज ने साथ ही मीडिया पर आरोप लगाया कि संक्रमित लोगों और कथित तौर पर धार्मिक सभा में शामिल होने वालों की मौत के जे आंकड़े पेश किए गए, वे आधारहीन थे।