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कोविड-19 : पिछले 24 घंटे में सामने आए 773 मामले, 32 की मौत

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि मंगलवार से अभी तक 773 कोरोनावायरस मामले सामने आए हैं और 32 मौतें दर्ज की गई हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक देश में कुल 402 लोग ठीक हो चुके हैं।

नई दिल्ली। भारत में कोरोनावायरस लगातार पैर पसारता जा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले चौबीस घंटों में ही कोरोना के 773 नए मामले सामने आए हैं, जबकि इस दौरान 32 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। इसके साथ ही अब देश में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 5,194 तक जा पहुंची है, जबकि अभी तक संक्रमण से कुल 149 मौत हो चुकी हैं।

Health & Family Welfare briefing

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि मंत्रालय ने अब तक 1.21 लाख परीक्षण किए हैं। मंत्रालय ने कहा कि देश में ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन’ का पर्याप्त भंडार है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि मंगलवार से अभी तक 773 कोरोनावायरस मामले सामने आए हैं और 32 मौतें दर्ज की गई हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक देश में कुल 402 लोग ठीक हो चुके हैं।

Lav Agarwal

अग्रवाल ने कहा कि देश में कोविड-19 मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार की प्रतिक्रिया और तैयारी तेज हो गई है। उन्होंने कहा कि मानव संसाधन मंत्रालय ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अगली पंक्ति में शामिल कर्मचारियों के लिए जमीनी स्तर पर एक कार्यक्रम शुरू किया है। इस कोविड प्रबंधन प्रशिक्षण मॉड्यूल में डॉक्टर, पैरामेडिक्स, नर्स, एएनएम, स्वयंसेवक और रेड क्रॉस शामिल हैं।

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि हॉटस्पॉट के रूप में पहचाने जाने वाले क्षेत्रों में प्रभावी लॉकडाउन उपायों को अपनाया जा रहा है और संक्रमण पर जागरूकता अभियान भी जारी है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक अधिकारी ने कहा कि अब तक 121,271 मामलों का परीक्षण किया जा चुका है और आईसीएमआर के तहत 139 प्रयोगशालाओं व 65 निजी प्रयोगशालाओं के माध्यम से एक दिन में 13,345 परीक्षण किए जा रहे हैं।

Coronavirus

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए स्टेडियमों का उपयोग भी किया जा सकता है। इनका उपयोग विशेष रूप से हल्के और बहुत हल्के लक्षणों वाले रोगियों के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि संक्रमण के प्रसार की श्रृंखला को तोड़ने के लिए देश में प्रत्येक जिले के लिए कार्य योजना बनाई गई है।

उन्होंने पुणे में किए गए डोर-टू-डोर सर्वेक्षणों का हवाला दिया, जिसमें लक्षणों वाले लोगों की पहचान की गई और सर्वेक्षण में उच्च रक्तचाप और मधुमेह वाले लोगों को भी शामिल किया गया।