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No relief for Hemant Soren : हेमंत सोरेन को नहीं मिली अंतरित जमानत, सुप्रीम कोर्ट ने कहा, आरोप गंभीर

No relief for Hemant Soren : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से चुनाव प्रचार के लिए मिली अंतरिम जमानत का उदाहरण देते हुए खुद चुनाव प्रचार के लिए बेल मांगी थी, जिस पर कोर्ट ने कहा कि ईडी का पक्ष सुने बिना फैसला नहीं दे सकते।

नई दिल्ली। जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने अंतरिम जमानत याचिका को गंभीर आरोपों के चलते खारिज कर दिया। हेमंत सोरेन की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्‍बल ने दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मिली अंतरिम जमानत का उदाहरण भी दिया लेकिन इसके बावजूद हेमंत सोरेन को राहत नहीं मिली।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा आरोप गंभीर होने के कारण गिरफ्तारी के खिलाफ आपकी याचिका पर ईडी का पक्ष सुने बिना हम कोई भी आदेश नहीं दे सकते। हेमंत सोरेने ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चुनाव प्रचार के लिए मिली अंतरिम जमानत का हवाला देते हुए खुद चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम बेल मांगी थी। इस पर कोर्ट ने कहा कि चुनाव हैं लेकिन इस पर हम आपकी कोई सहायता नहीं कर सकते। हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के खिलाफ उच्चतम न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय से 17 मई तक जवाब देने को कहा है।

आपको बता दें कि रांची के बड़गाईं अंचल में लगभग 8.66 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जे और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में ईडी ने 31 जनवरी को हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था। ईडी ने मामले में 30 मार्च को इस मामले में चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में ईडी ने हेमंत सोरेन के अलावा जमीन के मूल रैयत राजकुमार पाहन, हेमंत के करीबी विनोद कुमार, राजस्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद और हिलेरियस कच्छप को भी आरोपी बनाया है। चार्जशीट में ईडी ने आरोप लगाया है कि हेमंत सोरेन ने न सिर्फ गैरकानूनी तरीके से जमीन हासिल की, बल्कि जांच शुरू होने पर सबूतों को मिटाने का भी प्रयास किया। इस मामले में नाम आने के बाद हेमंत को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और उनकी जगह चम्पई सोरेन को झारखंड का नया मुख्यमंत्री चुना गया।