Gujarat Riot: इधर तीस्ता सीतलवाड़ को मिली जमानत, उधर सुप्रीम कोर्ट ने दे दिया ये आदेश, जानें पूरा माजरा

उन्होंने मामले की जांच फिर से कराने की मांग की थी। जिस सिलसिले में बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने जाकिया जाफरी की याचिका को खारिज करते हुए एसआईटी की जांच को बिल्कुल उचित बताया था और कोर्ट ने पीएम मोदी के विरुद्ध के विद्वेश स्वरूप याचिका दाखिल करने वाली तीस्ता को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

सचिन कुमार Written by: September 2, 2022 5:39 pm

नई दिल्ली। गुजरात दंगे में सबूतों के साथ छेड़छाड़ की आरोपी तीस्ता सीतलवाड़ को सुप्रीम ने बड़ी राहत दे दी है। दरअसल, कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ को अंतरिम जमानत दे दी है। कोर्ट के मुताबिक, तीस्ता बीते 60 दिनों तक पुलिस हिरासत में रह चुकी हैं। लेकिन, गुजरात सरकार की ओर से पेश हुए एसजी तुसार मेहता ने कहा कि पूछताछ के दौरान तीस्ता किसी भी सवाल का जवाब नहीं दे रही है। हर सवाल का जवाब महज यह कहकर ही दे रही हैं कि उन्हें कुछ नहीं पता है। वे जांच में किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं कर रही है। बता दें कि बीते दिनों तीस्ता को गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध में गुजरात दंगे मामले में विद्वेश स्वरूप षड्यंत्र रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। तीस्ता ने गुजरात दंगे मामले में नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दे चुके एसआईटी जांच के आदेश को चुनौती दी थी।

teesta setalvad

उन्होंने मामले की जांच फिर से कराने की मांग की थी। जिस सिलसिले में बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने जाकिया जाफरी की याचिका को खारिज करते हुए एसआईटी की जांच को बिल्कुल उचित बताया था और कोर्ट ने पीएम मोदी के विरुद्ध विद्वेश स्वरूप याचिका दाखिल करने वाली तीस्ता को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। वहीं, आज 60 दिन की न्यायिक हिरासत पूरी होने के आज उन्हें जमानत दे दी गई है।

हालांकि, अंतरिम जमानत मिलने की वजह से अभी तीस्ता के विदेश जाने पर रोक रहेगी। उन्हें अपना पासपोर्ट जमा कराना होगा। इस बीच जब कभी-भी उन्हें जांच एजेंसी द्वारा पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा, तो उन्हें पेश होना होगा। तब उनसे मामले के संदर्भ में विस्तृत पूछताछ की जाएगी। अब ऐसे में आगामी दिनों में तीस्ता के खिलाफ क्या कुछ कार्रवाई की जाती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

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दोनों ही पक्षों की ओर से पेश की गई दलीलें

आपको बता दें कि सुनवाई के दौरान दोनों ही पक्षों की ओर से दलीलें पेश की गई हैं। इस बीच गुजरात सरकार की ओर से पेश हुए तुषार मेहता और कपिल सिब्बल के बीच नोकझोंक भी देखने को मिली। सिब्बल ने सुनवाई के दौरान कहा कि अब तक गुजरात दंगे मामले में 164 लोगों को उम्रकैद हो चुकी है, तो ऐसे में आप कैसे कह सकते हैं कि अभी तक किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उधर, गुजरात सरकार की ओर पेश तुषार मेहता ने कहा कि ये 2002 से यही सब कर रह हैं। संस्थानों पर उंगली उठाने की इजाजत नहीं देनी चाहिए। तुषार ने कहा कि गुजरात दंगे के नाम पर फंड एकत्रित करने वाली तीस्ता ने पीड़ितों के हित के लिए  कुछ भी नहीं किया था, बल्कि इसके विपरीत अपने लिए वाइन खरीदने में इसका उपयोग किया।