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Jaunpur’s Atala Masjid Dispute Will Be Heard In High Court : जौनपुर की अटाला मस्जिद मामले में उच्च न्यायालय 9 दिसंबर को करेगा सुनवाई

Jaunpur’s Atala Masjid Dispute Will Be Heard In High Court : स्वराज वाहिनी एसोसिएशन की ओर से जौनपुर जिला अदालत में याचिका दायर की गई थी जिसमें दावा किया गया था कि अटाला मस्जिद पहले अटाला मंदिर था। सिविल कोर्ट जज ने 29 मई को सुनवाई का आदेश दिया था। इसके बाद मस्जिद कमेटी की तरफ से सिविल कोर्ट के फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी गई।

नई दिल्ली। यूपी के जौनपुर में स्थित अटाला मस्जिद विवाद अब इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंच गया है। मस्जिद कमेटी की तरफ से दायर याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में 9 दिसंबर को सुनवाई होगी। हाईकोर्ट ने  स्वराज वाहिनी एसोसिएशन से जवाब दाखिल करने को बोला है। दरअसल स्वराज वाहिनी एसोसिएशन की ओर से जौनपुर जिला अदालत में याचिका दायर की गई थी। इस याचिका में यह दावा किया गया था कि अटाला मस्जिद पहले अटाला मंदिर था जिसे तोड़कर मस्जिद में बनाई गई। स्वराज वाहिनी एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संतोष कुमार मिश्रा ने याचिका में कहा कि अटाला देवी मंदिर का निर्माण राजा विजय चंद्र ने 13वीं शताब्दी में कराया था।

संतोष कुमार मिश्रा की याचिका पर सिविल कोर्ट जज ने 29 मई को सुनवाई का आदेश दिया था। इसके बाद मस्जिद कमेटी की तरफ से सिविल कोर्ट के फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी गई। मुस्लिम पक्ष ने अपनी याचिका में कहा है कि स्वराज वाहिनी एसोसिएशन द्वारा दायर किया गया केस सुनवाई योग्य नहीं है इसलिए इसे खारिज किया जाना चाहिए। मुस्लिम पक्ष की इसी याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वराज वाहिनी एसोसिएशन से जवाब मांगा है और केस की सुनवाई के लिए 9 दिसंबर की तारीख निर्धारित की है।

मुस्लिम पक्ष का कहना है कि 1398 में इस अटाला मस्जिद का निर्माण कराया गया था और उसके बाद से लगातार यहां पर जुमे की नमाज समेत रोजाना की नमाज अदा दी जाती है। यह संपत्ति मस्जिद के तौर पर ही रजिस्टर्ड है, इस पर ना तो किसी दूसरे धर्म का कभी कोई कब्जा था और ना ही इस पर किसी अन्य धर्म के लोगों का कोई अधिकार है। आपको बता दें कि मस्जिद विवाद के चलते शुक्रवार को होने वाली जुमे की नमाज के लिए भी जौनपुर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई थी ताकि किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना ना हो सके।