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UNSC: भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण, पीएम मोदी कर रहे हैं सुरक्षा परिषद बैठक की अध्यक्षता

UNSC: सुरक्षा परिषद की इस बैठक में पीएम मोदी वर्चुअली मौजूद हैं। इस दौरान वह समुद्री सुरक्षा बढ़ाना, अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के रखरखाव पर अपनी राय रखने के साथ इस पूरी बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं। इस बैठक में सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष और शासनाध्यक्ष शामिल हैं। इसके अलावा बैठक में संयुक्त राष्ट्र के अफसर और कई संगठनों के चीफ भी शामिल हैं।

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी आज संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं। भारत के लिए ये एक ऐतिहासिक मौका है। पहली बार देश का कोई पीएम इस बड़े संगठन की बैठक की अध्यक्षता कर रहा है। इसके अलावा पहली बार ऐसे विषय पर चर्चा हो रही है, जिस पर कभी सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने बड़े पैमाने पर बातचीत नहीं की।

सुरक्षा परिषद की इस बैठक में पीएम मोदी वर्चुअली मौजूद हैं। इस दौरान वह समुद्री सुरक्षा बढ़ाना, अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के रखरखाव पर अपनी राय रखने के साथ इस पूरी बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं। इस बैठक में सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष और शासनाध्यक्ष शामिल हैं। इसके अलावा बैठक में संयुक्त राष्ट्र के अफसर और कई संगठनों के चीफ भी शामिल हैं। खुली चर्चा में समुद्री वारदात और असुरक्षा के अलावा इससे निपटने के तौर-तरीकों पर मोदी और अन्य देशों के प्रमुख अपनी राय रख रहे हैं।

मुख्य बातें:- 

समंदर हमारी साझा धरोहर है, हमारे समुद्री रास्ते इंटरनेशनल ट्रेड की लाइफलाइन है और सबसे बड़ी बात ये है कि समंदर हमारे Planet के भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

मैं आप के समक्ष पांच मूल सिद्धांत रखना चाहूंगा।

पहला सिद्धांत: हमें legitimate maritime trade से barriers हटाने चाहिए। हम सभी की समृद्धि maritime trade के सक्रिय flow पर निर्भर है। इसमें आई अड़चनें पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए चुनौती हो सकती हैं।

दूसरा सिद्धांत: maritime disputes का समाधान शांतिपूर्ण और अंतर्राष्ट्रीय कानून के आधार पर ही होना चाहिए। आपसी trust और confidence के लिए यह अति आवश्यक है। इसी माध्यम से हम वैश्विक शान्ति और स्थिरता सुनिश्चित कर सकते हैं।

तीसरा सिद्धांत: हमें प्राकृतिक आपदाओं और non-state actors द्वारा पैदा किए गए maritime threats का मिल कर सामना करना चाहिए। इस विषय पर क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने के लिए भारत ने कई कदम लिए हैं।

चौथा सिद्धांत: हमें maritime environment और maritime resources को संजो कर रखना होगा। जैसा कि हम जानते हैं, Oceans का climate पर सीधा impact होता है। इसलिए, हमें अपने maritime environment को plastics और oil spills जैसे प्रदूषण से मुक्त रखना होगा।

पांचवा सिद्धांत: हमें responsible maritime connectivity को प्रोत्साहन देना चाहिए। ऐसे infrastructure projects के development में देशों की फिस्कल sustainability और absorption capacity को ध्यान में रखना होगा।