नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारत के भविष्य में एक तमिल नेता को प्रधानमंत्री बनाने की वकालत की है। यह बयान तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की मांग पर प्रतिक्रिया में किया गया है, जिन्होंने राज्य में बीजेपी द्वारा लागू की गई विशेष योजनाओं की सूची की मांग की थी। सूत्रों के मुताबिक, शाह ने इस महत्वपूर्ण बयान को रविवार को दक्षिण चेन्नई में बीजेपी के पदाधिकारियों की एक बंद कमरे में हुई बैठक में दिया है। उन्होंने कहा, “हमें तमिलनाडु से दो प्रधानमंत्री की कमी खली है। तमिल की धरती से कामराज और मूपनार जैसे नेताओं के प्रधानमंत्री पद के अवसर अतीत में खोया है। इसके लिए डीएमके जिम्मेदार है।”
कामराज का उल्लेख करते हुए अमित शाह ने कहा कि उन्होंने इंदिरा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री को प्रधानमंत्री बनने में सहायता की जबकि खुद उस मौके को छोड़ दिया। यदि के कामराज चाहते तो अपने आप को प्रधानमंत्री के पद के लिए दावेदार बना सकते थे, लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। साथ ही, जीके मूपनार, प्रमुख नेता, 1996 में गठबंधन सरकार की प्रधानमंत्री पद के दावेदार थे, लेकिन डीएमके के प्रमुख एम करुणानिधि ने दो बार उनके नाम पर असहमति जताई थी।
अमित शाह के बयान ने राजनीतिक मंचों में गहरी उथल-पुथल मच गई है। यह तमिलनाडु में भाजपा के प्रभाव को बढ़ाने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। तमिलनाडु की परंपरागत राजनीतिक दलों जैसे डीएमके और एआईएडीएमके ने हमेशा से राज्य को दिखाया है। शाह तमिल प्रधानमंत्री की आकांक्षा और गर्व को छूने का प्रयास करके तमिलनाडु की जनता की आकांक्षाओं को प्राप्त करना चाहते हैं।