नई दिल्ली। दिल्ली में हुए कथित आबकारी घोटाले में अब केंद्र सरकार ने भी कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। गृह मंत्रालय ने इस मामले में फंसे दो वरिष्ठ अफसरों को सस्पेंड कर दिया है। दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर विनय कुमार सक्सेना ने इनको सस्पेंड करने की सिफारिश की थी। दोनों अफसरों समेत कुल 12 सरकारी कर्मचारी सस्पेंड किए गए हैं। बता दें कि कथित आबकारी घोटाले में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया समेत 15 नामजद और अन्य लोगों पर सीबीआई ने केस दर्ज किया है। सोमवार रात को गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार में काम कर रहे सीनियर आईएएस और तत्कालीन आबकारी आयुक्त आरव गोपीकृष्ण और उप आबकारी आयुक्त आनंद कुमार को सस्पेंड कर दिया। सीबीआई ने दोनों के यहां छापा भी मारा था।
इस महीने की शुरुआत में दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर ने नई आबकारी नीति में घोटाले की बात सामने आने पर सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। जिसके बाद सीबीआई ने 17 अगस्त को केस दर्ज कर 19 अगस्त को मनीष सिसोदिया और अन्य आरोपियों के 21 ठिकानों पर छापे मारे थे। लेफ्टिनेंट गवर्नर को सतर्कता निदेशालय ने 11 अफसरों की इस मामले में संलिप्तता बताते हुए अनुशासन की कार्रवाई करने की सिफारिश की थी। सभी अफसरों पर आरोप है कि दिल्ली की नई आबकारी नीति बनाने में नियमों की उन्होंने अनदेखी की। जांच के मुताबिक नई आबकारी नीति से शराब बनाने और बेचने वालों को फायदा पहुंचाया गया और दिल्ली सरकार को 144 करोड़ की चपत लगी।
आरव और आनंद कुमार के अलावा इस मामले में दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी ने भी असिस्टेंट कमिश्नर पंकज भटनागर, नरेंद्र सिंह और नीरज गुप्ता, सेक्शन अधिकारी कुलजीत सिंह, सुभाष रंजन, सुमन, डीलिंग हेड सत्यव्रत भार्गव वगैरा को सस्पेंड किया है। इन सभी पर कार्रवाई की सिफारिश दिल्ली के एलजी ने की थी।