
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के नए चीफ जस्टिस संजीव खन्ना को आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शपथ दिलाई। इसी के साथ जस्टिस खन्ना सुप्रीम कोर्ट के 51वें मुख्य न्यायाधीश बन गए। जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ 10 नवम्बर को ही अपने पद से रिटायर हुए हैं। उन्होंने जस्टिस खन्ना का नाम नए सीजेआई के लिए प्रपोज किया था। बतौर मुख्य न्यायाधीश जस्टिस खन्ना का कार्यकाल सिर्फ 6 महीने का ही होगा। वो 13 मई 2025 को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट में वैसे तो बहुत से महत्वपूर्ण मामले पेंडिंग हैं मगर 6 महीने के कार्यकाल में सीजेआई किन महत्वपूर्ण केसों पर फैसला देते हैं यह देखने वाली बात होगी।
Delhi: Justice Sanjiv Khanna Takes Oath As 51st Chief Justice Of India at Rashtrapati Bhavan pic.twitter.com/UeWe2FDG3j
— IANS (@ians_india) November 11, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते ही अलीगढ़ मुस्लिस विश्वविद्यालय को अल्पसंख्यक दर्जे का हकदार माना है लेकिन अल्पसंख्यक दर्जा उसे मिलना चाहिए या नहीं इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के 3 जजों की बेंच गठित की जाएगी। यह नई बेंच इस केस पर अलग से सुनवाई करेगी और इस पर फैसला देगी। वहीं बिहार में जातिगत जनगणना से जुड़े मामले पर भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। बिहार सरकार को जातिगत जनगणना का अधिकार है या नहीं इस पर फैसला सुप्रीम कोर्ट को करना है, संभवत: इस पर फैसला जस्टिस खन्ना अपने कार्यकाल में दे सकते हैं।
#WATCH | Delhi: Justice Sanjiv Khanna took oath as the 51st Chief Justice of India at Rashtrapati Bhavan in the presence of President Droupadi Murmu, PM Narendra Modi and other dignitaries. pic.twitter.com/PbFsB3WVVg
— ANI (@ANI) November 11, 2024
इसके अतिरिक्त मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम, 2019 की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पेंडिंग है। इस पर भी जस्टिस खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच सुनवाई कर सकती है और फैसला दे सकती है। इससे पहले भी जस्टिस खन्ना कई महत्वपूर्ण मामले में फैसला सुनाने वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच का हिस्सा रहे हैं। जस्टिस खन्ना ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से जुड़ी याचिका पर फैसला देने वाली पीठ में रहे हैं। वहीं इलेक्टोरल बॉन्ड को असंवैधानिक करार देने समेत कई अन्य फैसलों वाली पीठ में भी जस्टिस खन्ना शामिल थे।