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देश में कोविड-19 की दूसरी वैक्‍सीन तैयार, ह्यूमन क्‍लीनिकल ट्रायल ने दी मंजूरी

इस समय देश और दुनिया में कोरोना वायरस कहर बरपा रहा है। इस महामारी से संक्रमितों और मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। भारत में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी वैक्‍सीन को ह्यूमन क्‍लीनिकल ट्रायल की मंजूरी मिल गई है। जो राहत की खबर है।

नई दिल्‍ली। इस समय देश और दुनिया में कोरोना वायरस कहर बरपा रहा है। इस महामारी से संक्रमितों और मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। वहीं इस घातक महामारी से निपटने के लिए इसकी दवा और वैक्‍सीन बनाने पर काम तेजी से हो रहा है। इस बीच भारत से एक अच्छी खबर आई है। यहां कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी वैक्‍सीन को ह्यूमन क्‍लीनिकल ट्रायल की मंजूरी मिल गई है। जो राहत की खबर है।

corona vaccine

दरअसल, कोरोना वायरस संक्रमण की संभावित वैक्‍सीन के फेज 1 और फेज 2 के ह्यूमन क्‍लीनिकल ट्रायल के लिए फार्मा कंपनी जाइडस कैडिला को मंजूरी दे दी गई है। यह मंजूरी ड्रग कंट्रोलर जनरल और इंडिया की ओर से दी गई है। इससे पहले हैदराबाद की भारत बायोटेक की कोवैक्सिन को भी मंजूरी मिल चुकी है।

बता दें कि भारत दुनिया भर में वैक्‍सीन और दवा निर्माण के क्षेत्र में लीडिंग देश है। वहीं विश्‍व में इस समय कोरोना वायरस की करीब 17 वैक्‍सीन का टेस्‍ट इंसानों पर चल रहा है। वहीं भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने देश के पहले स्वदेशी कोविड-19 टीके के क्लीनिकल ट्रायल के लिए 12 संस्थानों का चयन किया है। क्लीनिकल ट्रायल के लिए चुने गए अन्य संस्थान विशाखापत्तनम, रोहतक, नयी दिल्ली, पटना, बेलगाम (कर्नाटक), नागपुर, गोरखपुर, ओडिशा, कट्टानकुलतुर (तमिलनाडु), हैदराबाद, आर्य नगर, कानपुर (उत्तर प्रदेश) और गोवा में स्थित हैं।

corona logo

इसके अलावा अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर और यूरोपीय जैव प्रौद्योगिकी कंपनी बायोएनटेक एसई ने कोविड-19 के एक टीके का प्रायोगिक परीक्षण किया है जिसके नतीजे में टीके को सुरक्षित और मरीजों में एंटीबॉडी बनाने में सक्षम पाया गया। विशेषज्ञों द्वारा अध्ययन की समीक्षा किया जाना अभी बाकी है।