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Army Officers: ड्यूटी के दौरान हुई पति की मौत, लगा खत्म हो गई दुनिया, लेकिन नहीं मानी हार, सेना में अफसर बनकर हरवीन और रिगजिन ने रचा इतिहास

Army Officers: इसके दोनों ने ही दृढ निश्चचय ले लिया था कि ये दोनों अपने पति का सपना पूरा करके रहेंगी जो कि उन्होंने करके भी दिखाया। ध्यान रहे कि 11 माह की कठीन परीश्रम के दोनों सेना में विधिवत रूप से शामिल होने में कमयाब रहीं हैं और इन दोनों ही देश की सेवा के प्रति अपने दृढ़ निश्चय का प्रदर्शन किया है।

नई दिल्ली। कहते हैं कि सपने उसी के पूरे होते हैं, जिसके सपनों में जान होती है, हौसलों से कुछ नहीं होता, पंखों से उड़ान मिलती है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है कैडेट हरवीन कहलो और रिगजिन चोरोल ने। बता दें की सीमा पर ड्यूटी के दौरान दोनों के पति वीरगति को प्राप्त हो गए थे, जिसके बाद इन दोनों ने हिम्मत नहीं हारी, बल्कि सेना में शामिल होकर देश की सेवा करने का फैसला किया। इनके पति का भी यही सपना था कि यह सेना में शामिल होकर देश की सेवा करें, लेकिन जब इनके पति थे, तो इनके मन में सेना में शामिल होने की इच्छा कभी तीक्ष्ण नहीं हुई। मगर, फिर एक दिन खबर आई कि सीमा पर ड्यूटी के दौरान इन दोनों के पति वीरगति को प्राप्त हो गए। उस वक्त लगा जैसे कि मानो दुनिया ही उज़ड़ गई हो।

सबकुछ खत्म हो चुका है, लेकिन इन दोनों ने फिर खुद को हिम्मत देते हुए अपने पति का सपना पूरा करने का फैसला किया और सेना में शामिल हो गईं। आपको बता दें कि कैडेट हरवीन कहलों ओटीए चेन्नई में शामिल हुईं और रिगजिन चोरोल भी शीर्ष पद पर काबिज हुईं हैं। सेना में शामिल होने के बाद दोनों ने अपने बच्चों संग खुशनुमा लम्हों को तस्वीरों में कैद कर सोशल मीडिया पर साझा किए हैं, जो कि अभी खासा सुर्खियों में हैं। जिस किसी को इन दोनों के साथ हुई घटनाओं के बारे में पता चल रहा है, उसकी आंखें नम हो जा रही है। ऐसी स्थिति में आपका बतौर पाठक इन दोनों ही दिलेर महिलाओं के संदर्भ में क्या कुछ कहना है। आप हमें कमेंट कर बताना बिल्कुल भी मत भूलिएगा, लेकिन आइए उससे पहले हम आपको यह भी बताते चलें कि हरवीन कहलों के पति 129 SATA रेजीमेंट के मेजर केपीएस कहलों ने अपने अमूल्य जीवन के देश की सुरक्षा की खातिर सहर्ष बलिदान कर दिया था और रिगजिन चोरोल के पति रिगजिन खंडप ड्यूटी के दौरान एक दुर्घटना का शिकार हो गए थे।

इसके बाद दोनों ने ही दृढ निश्चचय ले लिया था कि ये दोनों अपने पति का सपना पूरा करके रहेंगी जो कि उन्होंने करके भी दिखाया। ध्यान रहे कि 11 माह की कठीन परीश्रम के दोनों सेना में विधिवत रूप से शामिल होने में कमयाब रहीं हैं और इन दोनों ही देश की सेवा के प्रति अपने दृढ़ निश्चय का प्रदर्शन किया है। ध्यान रहे कि इन दोनों ही महिलाओं की कहानी की उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो मुश्किलों के आगे नतमस्तक हो जाया करते हैं।