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Praise: IMF ने अपनी रिपोर्ट में की PM मोदी की तारीफ, कहा- उन्होंने गरीबों को भूखे मरने से लिया बचा

आईएमएफ ने कहा है कि इस योजना के कारण भारत को भुखमरी को टालने में सफलता मिली। इससे अत्यंत गरीबी को भी मिटाया जा सका है। बता दें कि साल 2020 की 26 मार्च को पीएमजीकेवाई योजना शुरू हुई थी। इस योजना को इस साल सितंबर तक बढ़ाया जा चुका है।

नई दिल्ली। एक तरफ पड़ोसी देश श्रीलंका और पाकिस्तान में महंगाई की वजह से लोग भुखमरी का सामना कर रहे हैं। वहीं भारत में पिछले 2 साल से 80 करोड़ लोगों को पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार PMGKY यानी पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत मुफ्त राशन दे रही है। इस योजना की अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष IMF ने सराहना की है। आईएमएफ ने कहा है कि गरीबी पर लगे कोरोना के ग्रहण से तमाम देशों में आम नागरिकों की कमर टूट गई, लेकिन भारत में मोदी की इस अभिनव योजना से गरीबों को बचाया जा सका है।

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आईएमएफ ने कहा है कि इस योजना के कारण भारत को भुखमरी को टालने में सफलता मिली। इससे अत्यंत गरीबी को भी मिटाया जा सका है। बता दें कि साल 2020 की 26 मार्च को पीएमजीकेवाई योजना शुरू हुई थी। इस योजना को इस साल सितंबर तक बढ़ाया जा चुका है। योजना के तहत गरीब परिवारों को हर महीने 5 किलो गेहूं, 5 किलो चावल, दाल, नमक और सरसों का तेल दिया जाता है। जबकि, अति गरीबों को इसके अलावा एक किलो चीनी भी मुफ्त दी जा रही है। आईएमएफ ने महामारी, गरीबी और असमानता पर एक शोध पत्र जारी किया है। जिसमें ये बात सामने आई है कि भारत में 2019 तक अत्यंत गरीबी का स्तर 1 फीसदी से कम था। जिसे कोरोना महामारी के दौर में भी मोदी सरकार ने बरकरार रखा। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना ने अत्यंत गरीबी को रोकने में अहम रोल अदा किया। साथ ही कोरोना की वजह से पड़े आर्थिक दबाव औऱ गरीबों को बड़ा झटका लगने से रोकने में भी योजना ने मदद की।

आईएमएफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि लगातार 2 साल तक अत्यंत गरीबी का स्तर कोरोना काल में इस योजना की वजह से स्थिर रहा। इसकी मदद से गरीबों पर बड़ा बोझ नहीं पड़ा और कोरोना के काल में जिन लोगों की आय अस्थिर थी, उन्हें सबसे ज्यादा मुश्किल का भले ही सामना करना पड़ा हो, लेकिन सरकार ने जिस तरह मदद का हाथ बढ़ाया, उससे गरीब की मदद की। रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2014 से 2019 के बीच गरीबी 2004 से 2011 की तुलना में ज्यादा थी। खास बात ये है कि मोदी सरकार ने गरीब कल्याण योजना के लिए पहले 26000 करोड़ का बजट रखा था।