नई दिल्ली। चुनाव चाहे लोकसभा का हो या विधानसभा का या फिर हो फिर नगर निगम का। अब तो अगर किसी का डंका बजना होता है, तो वो है बीजेपी और अगर किसी को अपनी दुर्गति करानी होती है, तो वो है कांग्रेस। कभी सत्ता के लिए लालायित बीजेपी का डंका अब देश के अंतिम छोर तक बज रहा है, तो कभी पूरे देश में अपना डंका बजवाने वाली कांग्रेस की दुर्गति आज किसी से छुपी नहीं है। खैर, छोड़िए, फिलहाल बात करते हैं मध्य प्रदेश नगर निकाय चुनाव की। प्रदेश के 113 नगर निकाय चुनाव हुए हैं, तो ऐसे में आज नतीजों को घोषणा होनी है। फिलहाल, काउटिंग का सिलसिला जारी है, लेकिन अभी तक जो जानकारी निकलकर सामने आई है, उसके मुताबिक, बीजेपी का जलवा ही चौतरफा नजर आ रहा है। वहीं, अगर दूसरे प्रतिद्वंदी दलों की बात करें, तो उनके हाथ कुछ खास सफलता हासिल नहीं हो पाई है। बता दें कि मध्य़ प्रदेश नगर निकाय चुनाव में बीजेपी के इतर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने हाथ आजमाया है। आइए, आपको अब तक चुनावी रूझान के बारे में विस्तार से बताते हैं।
आपको बता दें कि राज्य की कई नगर निकाय सीटों पर बीजेपी ने भारी मतों से जीत हासिल करते हुए अपने विरोधी दलों को करारी शिकस्त दी है। नगर निकाय की राउ सीट से बीजेपी ने 12 वार्ड में जीत हासिल की है। सांवेर से भाजपा ने 10 वार्ड पर जीत हासिल की है। महूंगावा से भी भाजपा ने 10 वार्ड पर जीत हासिल की है। मानपुर से भाजपा ने 10 वार्ड पर जीत हासिल की है। गौतमपुसल से भाजपा ने 7 वार्ड पर जीत हासिल की है। बेटमा से भाजपा ने 10 वार्ड पर जीत हासिल की है। हातोद से भाजपा ने 10 वार्ड पर जीत हासिल की है। वहीं, सागर में भाजपा महापौर प्रत्याशी संगीता तिवारी 12 हजार 665 वोटों से जीत गई हैं। भाजपा को 70,575 वोट मिले। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी निधि जैन को केवल 57,910 वोट मिले। निधि जैन कुछ देर पहले ही मतगणना स्थल से बाहर चली गईं। उन्होंने कहा कि, महीने भर मिले प्यार के लिए मैं जनता की आभारी हूं।
वहीं सिंगरौली में सातवें चरण के बाद आम आदमी पार्टी की रानी को 34038, भाजपा के चंद्रप्रताप को 24879, कांग्रेस के अरविंद सिंह को 24670 वोट मिले हैं। तो इस तरह से आप देख सकते हैं कि कैसे बीजेपी का डंका लगाता बजता जा रहा है। वहीं, कांग्रेस समेत विरोधी दलों ने अपनी दुर्गति करवा ली है। बहरहाल, अब मध्य प्रदेश नगर निकाय चुनाव के बहाने जहां एक बार फिर से बीजेपी ने अपनी स्वीकार्यता स्पष्ट कर दी है, तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस और दूसरे विरोधी दलों ने एक बार फिर से अपनी दुर्गति करवा ली है। बहरहाल, अब ऐसे में यह देखना दिलचस्प रहेगा कि जब आगामी दिनों में मुख्तलिफ सूबों में चुनाव होने हैं, तो ऐसी स्थिति में कांग्रेस अपनी दुर्गति से निजात पाने के लिए क्या कुछ करती है, तो वहीं बीजेपी की आगे की क्या रणनीति रहती है। इस पर सभी की निगाहे टिकी रहेंगी।