China: 2021 में डिफॉल्ट कंपनियों की संख्या में हो सकता है इजाफा, चीन को लगेगा तगड़ा झटका!

China: गौरतलब है कि ये कंपनियां सरकार द्वारा समर्थित हैं, ऐसे में निवेशक सुरक्षा महसूस कर इसमें पैसा निवेश करते हैं। बता दें कि आगामी वर्ष 2021 के लिए अब इन कंपनियों से जुड़े निवेशक चितिंत हो रहे हैं।

Avatar Written by: November 27, 2020 6:03 pm

नई दिल्ली। चीन (China) में राज्य के मालिकाना हक रखने वाली कई कंपनियां(SOEs) ऐसी हैं जो बॉन्ड भरने और कर्ज चुकाने में नाकामयाब रही हैं। इनमें चिपमेकर कंपनी शिंगुआ यूनीग्रुप, खनन कंपनी यॉन्गचेंग कोल एंड इलेक्ट्रिसिटी और हुआचेन ऑटोमेटिव ग्रुप के साथ और भी बड़ी कंपनियां शामिल हैं। अब इन कंपनियों के डिफॉल्ट (Default) होने की वजह से कई बैंक (Bank) और निवेशकों (Investors) को चिंता सता रही है। इसको लेकर मंडे रिपोर्ट में छपी हैं, जिसमें कहा गया है कि, रिसर्च फर्म क्रेडिट साइट के मुताबिक, इस समस्या के चलते अन्य बाजार सहभागियों को विश्वास में लिया गया है। गौरतलब है कि ये कंपनियां सरकार द्वारा समर्थित हैं, ऐसे में निवेशक सुरक्षा महसूस कर इसमें पैसा निवेश करते हैं। बता दें कि आगामी वर्ष 2021 के लिए अब इन कंपनियों से जुड़े निवेशक चितिंत हो रहे हैं। क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले साल 2021 में भी डिफॉल्ट कंपनियों की हालत ठीक होती नहीं दिख रही है।

Jinping

हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि इन कंपनियों के डिफॉल्ट से बाजार में अन्य छोटी-बड़ी कंपनियों के लिए एक अच्छी बात हो सकती है क्योंकि योंगचेंग कोल एंड इलेक्ट्रिसिटी के डिफॉल्ट ने कई निवेशकों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। इसलिए हो सकता है कि निवेशक इन कंपनियों में अब पैसा निवेश करने से पीछे हट जाएंगे।

वहीं, पीपुल बैंक ऑफ चाइना ने अपनी रिपोर्ट में आगाह करते बताया कि दिग्गज कंपनियों के डिफॉल्ट के कारण पूरे देश की अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा जोखिम पैदा हो सकता है। इन कंपनियों के डिफॉल्ट होने के पीबीसी ने तीन कारण बताए हैं। इसमें पहला कर्ज चुकाने के लिए उधारी पर निर्भर होना। दूसरा कॉरपोरेट प्रशासन के मुद्दे जैसे कि कंपनियों के एक समूह में उधार लेने की एक कठोर श्रृंखला और इंटर-ग्रुप का गुपचुप रूप से ट्रांजेक्शन करना, तीसरा विभिन्न इंडस्ट्री और क्षेत्रों में तेजी से विस्तार करना जो कंपनियों की लोन चुकाने की क्षमता को कमजोर करती है।

China Share market Economy

रेटिंग एजेंसी फिच ने अपनी पिछले हफ्ते की रिपोर्ट में कहा था कि साल 2021 में राज्य के स्वामित्व वाली इन डिफॉल्ट कंपनियों (SOEs) की संख्या और भी ज्यादा बढ़ सकती है। एजेंसी ने आगे बताया था कि इन कंपनियों को फंडिंग के लिए चीन के सेंट्रल बैंक ने एक तटस्थ रुख अपनाया लिया है। इसका एक कारण यह भी है कि कोरोना वायरस के कारण अर्थव्यवस्था पहले से ही कमजोर है।

एजेंसी के मुताबिक, साल 2021 में सरकार फंडिंग को लेकर और भी सख्त हो सकती है जिससे निवेशक की चिंता और भी बढ़ सकती है। वहीं, एसओई कंपनियों का डिफॉल्ट जोखिम निजी कंपनियों की तुलना में कम है. एजेंसी ने बताया कि 20 निजी कंपनियां ने इस साल जनवरी से अक्टूबर तक अपने ऑनशोर बॉन्ड में बड़ी चूक की है जो पांच एसओई कंपनियों की तुलना में बहुत ज्यादा है।

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