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बिगड़ते रिश्तों के बीच भारत-नेपाल की अहम बैठक आज

भारत के हिस्से को लेकर नेपाल ने जो नई राजनीति शुरू की है, उस पर मोदी(Modi) और ओली(Oli) के बीच बात हुई या नहीं, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है लेकिन ओली ने जब पीएम मोदी से बात की है तो इस बातचीत के दो दिन बाद यानी 17 अगस्त को भारत और नेपाल के बीच ओवरसाइट मैकेनिज्म के तहत बैठक हो रही है।

नई दिल्ली। नेपाल ने जिस तरह से भारत के प्रति अपनी कूटनीतिक सोच बदली है और विवादास्पद बयान दिए हैं, उसको देखते हुए आज भारत और नेपाल के बीच होने वाली बैठक काफी अहम मानी जा रही है। फिलहाल इस बैठक का फ्रेमवर्क पहले से ही तय है लेकिन नेपाल के पीएम केपी ओली के पिछले कुछ बयान देखें तो ये बैठक बहुत अहम मानी जा रही है।

india nepal flag

बता दें कि इस बैठक की मौजूदा माहौल में अहमियत बढ़ गई है। इससे पहले शनिवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया था। ये फोन कॉल ऐसे समय में हुआ है जब बीते कुछ हफ्तों में नेपाल की ओर से रिश्तों की मर्यादा तोड़ने वाले फैसले हुए हैं। उकसावे वाले बयान आए हैं। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली अब ये लीपापोती इसलिए कर रहे हैं, ताकि भारत को भुलावे में रखकर अपना चीन प्रोजेक्ट जारी रख सकें या फिर वाकई उन्हें समझ आ गया है कि जिस भारत से नेपाल का रोटी-बेटी का रिश्ता है उससे प्रेम का धागा चटका कर नहीं तोड़ा जाना चाहिए?

Modi_oli

सूत्रों की मानें तो ओली का कहना है कि भारत-नेपाल के संबंधों में दोनों तरफ से सुधार जारी है। ओली ने कहा कि इस संवाद को किसी के हार जीत और किसी के झुकने और किसी के अड़ने के रूप में नहीं लिया जाए. संबंधों में सुधार हो रहा है, दोनों तरफ से प्रयास हो रहे हैं। बाद में भारत की ओर से जो आधिकारिक बयान जारी हुआ, उसमें कहा गया कि प्रधानमंत्री ने नेपाल के पीएम को टेलीफोन कॉल के लिए धन्यवाद दिया और भारत-नेपाल के सदियों पुराने और सांस्कृतिक संबंधों को याद किया। प्रधानमंत्री मोदी और पीएम केपी शर्मा ओली के बीच ये बातचीत सीमा विवाद शुरू होने के बाद पहली बार हुई है।

बता दें कि 8 मई को भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लिपुलेख दर्रे को उत्तराखंड के धारचूला से जोड़ने वाली 80 किलोमीटर लंबी रणनीतिक सड़क का उद्घाटन किया था। इसके बाद नेपाल ने लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को अपना इलाका बताते हुए नया नक्शा जारी कर दिया। जून में नेपाल की संसद ने इस राजनीतिक नक्शे को मंजूरी भी दे दी। इस पर भारत ने कहा कि नेपाल ने अपनी सीमा का जो ‘बनावटी क्षेत्र विस्तार’ किया है, उसका कोई आधार नहीं है।

Naredra modi with Nepali PM KP Sharma oli

अब भारत के हिस्से को लेकर नेपाल ने जो नई राजनीति शुरू की है, उस पर मोदी और ओली के बीच बात हुई या नहीं, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है लेकिन ओली ने जब पीएम मोदी से बात की है तो इस बातचीत के दो दिन बाद यानी 17 अगस्त को भारत और नेपाल के बीच ओवरसाइट मैकेनिज्म के तहत बैठक हो रही है। इसमें द्विपक्षीय आर्थिक और विकास के प्रोजेक्ट्स की समीक्षा होगी। 17 अगस्त की बातचीत में भारत की ओर से नेपाल में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा और नेपाल के विदेश सचिव शंकर दास बैरागी बातचीत करेंगे।