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भारत ने चीन को सबक सिखाने के लिए बनाया बड़ा प्लान, ड्रैगन के ‘दुश्मन देश’ के साथ करेगा युद्धाभ्यास

India and Vietnam: सोमवार को पीएम मोदी(PM Modi) और वियतनामी (Vietnam) समकक्ष गुयन जुआन फुक के बीच डिजिटल शिखर सम्मेलन हुआ था। इस सम्मेलन में दोनों देशों ने समुद्री सहित रक्षा एवं सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने का संकल्प लिया था।

नई दिल्ली। पिछले 9 महीने से पूर्वी लद्दाख में जारी चीन (China) की चालबाजी के बाद अब भारत ड्रैगन को सबक सिखाने के लिए बड़ा प्लान बना रहा है। बता दें कि भारत चीन के दुश्मन देश के साथ युद्धाभ्यास करने की तैयारी कर रहा है। गौरतलब है कि भारत चीन को सख्त संदेश देने के लिए इस प्लान पर आगे बढ़ रहा है। अभी तक चीन को सुधरने का मौका देने की सोच के साथ भारत इस तरह के कदमों को अपनाने से बच रहा था लेकिन अब उसके खिलाफ सारी हिचक त्याग कर भारत एक के बाद एक कड़े कदम उठा रहा है। बता दें कि चीन के साथ बने तनाव के माहौल में उसे सबक सिखाने और बड़ा मेसेज देने के लिए भारत पहली बार दक्षिण चीन सागर (SCS) में उसके पड़ोसी दुश्मन देश वियतनाम (Vietnam) के साथ साझा नौसेना अभ्यास करने जा रहा है। यह युद्धाभ्यास 26 और 27 दिसंबर को दक्षिण चीन सागर (SCS) में वियतनामी नौसेना के साथ ‘संपर्क और सहयोग संबंधी अभ्यास’ (Passage Drill) होगा।

South China Sea

भारतीय नौसेना के अधिकारियों ने बताया

गौरतलब है कि इसकी जानकारी भारतीय नौसेना के अधिकारियों ने दी। अधिकारियों का कहना है कि, इस युद्धाभ्यास का मकसद दोनों देशों के बीच समुद्र में सहयोग को बढ़ाना है. नौसेना के अफसरों का कहना है कि इंडियन नेवी का पोत ‘आईएनएस किल्टन’ (INS Kilton) मध्य वियतनाम के बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए राहत सामग्री लेकर गया है। लौटते समय यह इस अभ्यास में शामिल होगा।

चारों तरफ चीन की आलोचना

यहां खास बात यह भी है कि, वियतनाम के साथ इस तरह का युद्धाभ्यास ऐसे समय में हो रहा है, जब चीन दक्षिण चीन सागर में अपनी सैन्य उपस्थिति बढ़ा रहा है। चीन ने मौजूदा हालत में SCS में कई कृत्रिम द्वीप बनाकर वहां पर अपने लड़ाकू जेट और मिसाइलें भी तैनात कर दी हैं। इसकी वजह से दुनियाभर में उसके इरादों को लेकर चिंता और आलोचना बढ़ती जा रही है।

Jinping

चीन की धौंस का वियतनाम पर कोई असर नहीं

बता दें कि सोमवार को पीएम मोदी और वियतनामी (Vietnam) समकक्ष गुयन जुआन फुक के बीच डिजिटल शिखर सम्मेलन हुआ था। इस सम्मेलन में दोनों देशों ने समुद्री सहित रक्षा एवं सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने का संकल्प लिया था। वहीं रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि, वियतनाम ही ऐसा देश है जो दक्षिण चीन सागर (SCS) में चीन (China) की धौंस में नहीं आता।