newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

India China Border Clash : लद्दाख में भारत के आक्रामक तेवर देख चीन हुआ बैकफुट, मानी ये शर्तें

India China Border Clash : चीन(China) से विवाद के बीच भारत(India) को बड़ी बढ़त तब मिली जब भारत ने सीमा पर अपनी स्थिति मजबूत कर ली। चीन तब से वार्ता की गुहार लगाए हुए है। बता दें कि इसी कड़ी में भारत ने अपना रुख बिल्कुल भी हल्का नहीं किया तो चीन को बातचीत की टेबल पर आकर समझौता मानना पड़ा।

नई दिल्ली। लद्दाख पर भारत और चीन के बीच पिछले कई महीने से तनाव की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में दोनों देशों के बीच कई बार सैन्य व कूटनीतिक स्तर पर वार्ता हो चुकी है और जारी भी है। फिलहाल इस शांति वार्ता के बाद भी चीन अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहा और सीमा पर अपनी चालबाजियां दिखाता रहता है। ऐसे में भारत ने लद्दाख में अपनी आक्रामक रणनीति को जारी रखा है। भारत चीन के सामने सख्त तेवर बनाए हुए है। इसी का असर है कि चीन अब भारत की कुछ शर्तों को मानने को राजी हुआ है। आपको बता दें कि मंगलवार को भारत और चीन की सेनाओं ने इस बात पर मंजूरी जताई है कि दोनों ही अब बॉर्डर पर और सैनिक नहीं बुलाएंगे। बता दें कि लद्दाख सीमा के अलग-अलग हिस्सों में चीन लगातार घुसपैठ की कोशिश में लगा था, लेकिन उसे हर बार हार का मुंह देखना पड़ा।

LAC Ind China Laddakh

चीन से विवाद के बीच भारत को बड़ी बढ़त तब मिली जब भारत ने सीमा पर अपनी स्थिति मजबूत कर ली। चीन तब से वार्ता की गुहार लगाए हुए है। बता दें कि इसी कड़ी में भारत ने अपना रुख बिल्कुल भी हल्का नहीं किया तो चीन को बातचीत की टेबल पर आकर समझौता मानना पड़ा। मौजूदा स्थिति दोनों देशों ने सीमा पर सैनिकों की तैनाती कर दी, इसकी शुरुआत चीन ने की थी।

बता दें कि चीन लगातार LAC के उस पार पचास हजार के करीब सैनिकों को जुटा रहा था, जिसके जवाब में भारत ने भी बड़ी संख्या में सैनिकों को तैनात कर दिया। यही कारण रहा कि बार-बार युद्ध जैसी बातें की जाने लगीं। इस बीच मंगलवार को दोनों देशों की सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक हुई। 14 घंटे की बैठक में ये बात सामने आई कि अब दोनों देश बॉर्डर पर और सैनिक नहीं बुलाएंगे।

Laddakh indian Army

वैसे दोनों देश इस मुद्दे पर सहमत हुए हैं कि सीमा पर अब और सैनिकों की तैनाती नहीं होगी, लेकिन जो सैनिक पहले से ही सीमा पर डटे हैं, वो वापस कब बुलाए जाएंगे, इस पर कोई सहमति नहीं बनी है। क्योंकि अभी दोनों देशों ने और सैनिक ना बुलाने की बात कही है, लेकिन पहले से ही मौजूद हजारों सैनिक कब वापस होंगे और चीन LAC के जिन इलाकों में आगे बढ़ आया है वहां से कब लौटेगा इसकी कोई रूपरेखा तय नहीं है। ऐसे में सर्दियों में भी बॉर्डर पर भारत की ओर से सतर्कता रह सकती है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना पहले ही संकेत दे चुकी है कि वो किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार है और सीमा से बिल्कुल पीछे नहीं हटेंगे।

East Ladakh

फिलहाल लद्दाख क्षेत्र में थल सेना का साथ वायुसेना ने भी दिया। वायुसेना की ओर से लगातार निगरानी की जा रही थी। इसके अलावा लद्दाख के आसमान में सुखोई, मिग, मिराज के साथ-साथ नए नवेले राफेल ने भी उड़ान भरी। और दुश्मन को चेता दिया कि उसका हर सामना करने को भारत तैयार है। चीन को समझ आ गया था कि भारत से गीदड़ भभकी देकर हल नहीं निकलेगा।