newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

कोरोना : भारत ने दिखाया बड़ा दिल, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का लाइसेंस देने को लेकर लिया बड़ा फैसला

दरअसल ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन’ मलेरिया की एक पुरानी और सस्ती दवाई है, जिसे कोविड-19 के इलाज के लिए एक व्यवाहरिक उपचार बताया जा रहा है। इसी को लेकर भारत सरकार द्वारा फैसला किया गया है कि इस दवा की आपूर्ति कुछ देशों को भी की जाएगी जो विशेष रूप से महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।

नई दिल्ली। कोरोना महामारी से निपटने के लिए दुनियाभर के देश अपनी तैयारियों के साथ लगे हुए हैं। ऐसे भारत की तरफ से भी कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। इस महामारी के मद्देनजर भारत ने दुनिया के बाकी देशों की मदद करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। बता दें कि मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा हाइड्रोक्सिक्लोरोक्वीन की आपूर्ति भारत दुनिया के कुछ और देशों को करेगा।

medicine

दरअसल ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन’ मलेरिया की एक पुरानी और सस्ती दवाई है, जिसे कोविड-19 के इलाज के लिए एक व्यवाहरिक उपचार बताया जा रहा है। इसी को लेकर भारत सरकार द्वारा फैसला किया गया है कि इस दवा की आपूर्ति कुछ देशों को भी की जाएगी जो विशेष रूप से महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के अलावा पेरासिटामोल की आपूर्ति को लेकर भी भारत सरकार की तरफ से बड़ा कदम उठाया गया है।

विदेश मंत्रालय की तरफ से जानकारी दी गई है कि, कोरोनावायरस जैसी महामारी के मद्देनज़र यह निर्णय लिया गया है कि भारत अपने सभी पड़ोसी देशों (जो हमारी क्षमताओं पर निर्भर हैं) को उचित मात्रा में पेरासिटामोल और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का लाइसेंस देगा।

hydroxychloroquine medicine

इतना ही नहीं विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि “हम इन आवश्यक दवाओं की आपूर्ति कुछ देशों को भी करेंगे जो विशेष रूप से महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।”

Narendra Modi and Donald Trump

आपको बता दें कि ट्रम्प ने पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन’ की गोलियों की खेप भेजने की अनुमति देने को कहा था जिसका आदेश अमेरिका ने दिया था। भारत ने इसकी बढ़ती मांग को देखते हुए इसके निर्यात पर रोक लगा दी थी।