नई दिल्ली। एक तरफ कोरोना महामारी से पूरी दुनिया परेशानी में है, इस जानलेवा वायरस से लाखों लोग अपनी जान गवां चुके हैं तो दूसरी तरफ चीन ऐसे समय में भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। बता दें कि, चीन ने इस महामारी में भारत को घटिया टेस्ट किट सप्लाई की है जिसका जवाब भारत अब अपने तरीके से देगा।
दरअसल चीन द्वारा भेजी गई किट की गुणवत्ता को लेकर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ले सलाह दी है कि चीन से आई रैपिड किट इस्तेमाल नहीं किया जाय और इसे वापस कर दिया जाय। फिलहाल चीन की पोल खुलने के बाद भी चीनी कंपनियां ये मानने को तैयार नहीं हैं कि उनकी किट की गुणवत्ता गड़बड़ है। चीन ने भारत को नसीहत देते हुए कहा है कि किट के स्टोरेज, इस्तेमाल और ट्रांसपोर्टेशन सही तरीके से प्रोफेशनल लोगों द्वारा न किया जाए तो नतीजों में अंतर हो सकता है।
भारत ने गुणवत्ता को लेकर कोई समझौता न करने का संदेश चीन को दिया है। वहीं, सूत्रों की ओर से कहा गया है कि घटिया गुणवत्ता वाली किट लौटाई जा सकती हैं और इनका भुगतान भी रोका जा सकता है। दोनों पक्ष इस मुद्दे पर सम्पर्क में हैं। भारत गुणवत्ता मानकों का कड़ाई से पालन पर जोर दे रहा है, जबकि चीनी कंपनियां दावा कर रही हैं कि उनके उत्पाद का सही प्रक्रिया से सर्टिफिकेशन हुआ है।
चीनी कंपनियों द्वारा अन्य देशों में भेजी गई किट का हवाला देते हुए कहा गया है कि उन्होंने इसकी गुणवत्ता को स्वीकार किया है। भारत में स्टोरेज के तरीकों और उसके प्रोफेशनल तरीके से इस्तेमाल पर भी सवाल उठाया है। आपको बता दें कि भारत ने चीन से करीब पांच लाख रैपिड टेस्टिंग किट मंगवाई थी। उन्हें अलग-अलग राज्यों को सौंपा गया था, लेकिन राज्यों ने इनके नतीजों पर सवाल खड़े किए। राजस्थान में इन टेस्टिंग किट की सफलता का प्रतिशत सिर्फ पांच फीसदी ही था। जांच के बाद आईसीएमआर ने इनके उपयोग पर रोक लगाने का फैसला लिया