नई दिल्ली। मंगलवार के दिन भारत की वायुसेना और नौसेना ने दुश्मन मुल्कों को अपनी ताकत दिखाई। सेना के दोनों ही अंगों ने इसके लिए सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का इस्तेमाल किया। वायुसेना ने जहां सुखोई 30 एमकेआई के जरिए ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया। वहीं, नौसेना ने ब्रह्मोस मिसाइल को अपने अटैक पोत आईएनएस दिल्ली से लॉन्च कर अपने निशाने को ध्वस्त कर दिया। इन दोनों ही परीक्षणों के फोटो और वीडियो वायुसेना और नौसेना ने जारी किए हैं। खास बात ये है कि नौसेना ने जिस ब्रह्मोस का परीक्षण किया है, वो अपने आप में तकनीकी के तौर पर बेहद खास है।
Today on the Eastern seaboard, #IAF undertook live firing of #BrahMos missile from a Su30 MkI aircraft.
The missile achieved a direct hit on the target, a decommissioned #IndianNavy ship.
The mission was undertaken in close coordination with @indiannavy. pic.twitter.com/UpCZ3vJkZb— Indian Air Force (@IAF_MCC) April 19, 2022
सबसे पहले बात वायुसेना की करते हैं। वायुसेना पहले भी सुखोई लड़ाकू विमान से ब्रह्मोस मिसाइल दाग चुकी है। इसके लिए ब्रह्मोस बनाने वाली कंपनी ने मिसाइल के डिजाइन में काफी बदलाव किया है। इस बार ब्रह्मोस को सुखोई विमान से दागा गया और इसने नौसेना के एक पुराने पोत को सफलता से निशाना बनाकर उसे समुद्र में डुबो दिया। बता दें कि ब्रह्मोस मिसाइल अपने टारगेट को आवाज की गति से करीब तीन गुना रफ्तार पर उड़कर ध्वस्त करती है। इस मिसाइल में ऐसे सेंसर हैं, जिनसे इसे पहले से ही तय टारगेट तक पहुंचाया जा सकता है और रडार भी इसे पकड़ने में नाकाम रहते हैं।
Successful maiden #BrahMos firing by #INSDelhi from an upgraded modular launcher once again demonstrated long range strike capability of BrahMos alongwith validation of integrated Network Centric Operations from frontline platforms (1/2)#CombatReady #Credible #FutureProofForce pic.twitter.com/fY9BAsO8Li
— SpokespersonNavy (@indiannavy) April 19, 2022
अब बात नौसेना की करते हैं। नौसेना ने ब्रह्मोस मिसाइल को अपने पोत आईएनएस दिल्ली से दागकर दिखाया कि वो लंबी दूरी तक अपने दुश्मन को मटियामेट करने में सक्षम है। इस मिसाइल का लंबी दूरी का वर्जन कंपनी ने बीते दिनों तैयार किया था और इसके कई परीक्षण हो चुके हैं। इस मिसाइल को पोत से दागने के लिए नए किस्म के कैनिस्टर का भी इस बार इस्तेमाल हुआ। नौसेना के मुताबिक ब्रह्मोस मिसाइल ने अपने टारगेट पर सफलतापूर्वक वार किया और परीक्षण सफल रहा।