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पैंगोंग झील में चीन के होश उड़ाने के लिए भारतीय सेना को मिलने जा रहा है अत्याधुनिक बोट, इसकी खूबियां देख उड़ जाएगी ड्रैगन की नींद

Pangong Lake : चीन(China) विवाद के बीच भारतीय सेना(Indian Army) की तरफ से तैयारियों पर गौर करें तो भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में विभिन्न पहाड़ियों पर करीब 50,000 से ज्यादा सैन्यकर्मियों को तैनात किया है।

नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच साल 2020 में लद्दाख (Ladakh) सीमा पर पैदा हुआ तनाव आज भी जारी है। बता दें कि LAC पर अबतक ड्रैगन की भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की हर कोशिश नाकाम रही है। ऐसे में चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय सेना लगातार सीमा पर खुद को सशक्त कर रही है। ऐसे में अब खबर आई है कि भारतीय सेना गलवान घाटी (Galwan Valley) में चीन के नापाक इरादों को नाकाम करने के बाद LAC और आसपास के क्षेत्र में लगातार बढ़त बनाती जा रही है। अब भारतीय सेना पैंगोंग झील (Pangong Lake) में भी चीनी PLA पर पहले से ज्यादा मजबूत होने जा रही है। दरअसल पैंगोंग झील ही नहीं बल्कि अन्य बड़े जलाशयों की निगरानी करने के लिए इंडियन आर्मी ने 12 अत्याधुनिक गश्ती नौकाओं की खरीद के लिए मंजूरी दे दी है।इस खरीद को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि पूर्वी लद्दाख में मई की शुरुआत से भारत और चीन के बीच गतिरोध चल रहा है।

East Ladakh

सेना की तरफ से कहा गया है कि, ऊंचाई वाले क्षेत्रों में स्थित झीलों समेत विभिन्न जलाशयों में उसने निगरानी और गश्ती के लिए 12 तीव्र गश्ती नौकाओं के लिए सरकारी उपक्रम गोवा शिपयार्ड लिमिटेड के साथ अनुबंध पर दस्तखत किया है। सेना ने ट्वीट के जरिए जानकारी दी कि, “आपूर्ति मई 2021 से शुरू हो जाएगी।” इस खरीद को लेकर अधिकारियों का कहना है कि, इन नौकाओं को पैंगोंग झील के साथ पहाड़ी क्षेत्र में अन्य जलाशयों में निगरानी बढ़ाने के मकसद से खरीदा जा रहा है।

Laddakh

वहीं चीन विवाद के बीच भारतीय सेना की तरफ से तैयारियों पर गौर करें तो भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में विभिन्न पहाड़ियों पर करीब 50,000 से ज्यादा सैन्यकर्मियों को तैनात किया है। वहीं अधिकारियों का कहना है कि चीन ने भी इतनी ही संख्या में अपने सैनिक तैनात किए हैं। बता दें कि रणनीतिक लिहाज से पैगोंग झील और आसपास के इलाके को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। मई की शुरुआत में भारत ने गतिरोध शुरू होने के बाद से झील के आसपास निगरानी बढ़ा दी है। दोनों सेनाओं के बीच पांच मई को पैंगोंग झील वाले इलाके में हिंसक झड़प के बाद गतिरोध शुरू हुआ। पैंगोंग झील की घटना के बाद नौ मई को उत्तरी सिक्किम में इसी तरह की घटना हुई थी।