नई दिल्ली। भारत ने अपने एयर डिफेंस सिस्टम को और मजबूती देते हुए आकाश प्राइम का सफल परीक्षण किया है। आकाश प्राइम डिफेंस सिस्टम को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने डिजाइन किया है। यह भारत की स्वनिर्मित आकाश हथियार प्रणाली का उन्नत संस्करण है। भारतीय सेना ने लद्दाख सेक्टर में 16 जुलाई को 15000 फीट की ऊंचाई पर 2 एरियल हाई स्पीड मानवरहित लक्ष्यों को आकाश प्राइम द्वारा सफलतापूर्वक नष्ट करके यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की गई। केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए भारतीय सेना, डीआरडीओ को बधाई दी है।
<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”en” dir=”ltr”>India has achieved a significant milestone by successfully destroying 2 Aerial High Speed Unmanned targets at high altitude in Ladakh Sector on 16th July by Akash Prime, which is the upgraded variant of Akash Weapon System for the Indian Army. <a href=”https://t.co/DjJAc5uzkk”>pic.twitter.com/DjJAc5uzkk</a></p>— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) <a href=”https://twitter.com/DefenceMinIndia/status/1945778396799418637?ref_src=twsrc%5Etfw”>July 17, 2025</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>
रक्षा मंत्री ने कहा कि आकाश प्राइम के सफलतम प्रयोग से भारत की वायु रक्षा क्षमताओं में और अधिक बढ़ोत्तरी होगी। विशेष रूप से उच्च-ऊंचाई पर दुश्मन की मिसाइलों, लड़ाकू विमान, ड्रोन को अब और सटीकता से ध्वस्त किया जा सकेगा। केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर आकाश प्राइम के सफल परीक्षण की जानकारी देते हुए इसका वीडियो भी शेयर किया है।
आकाश प्राइम की खासियतें
आकाश प्राइम पूरी तरह स्वदेशी है। इसके जरिए 25 से 45 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए 18 से 20 किलोमीटर तक की ऊंचाई तक लक्ष्यों को भेदा जा सकता है। आकाश प्राइम की एक और खासियत यह है कि इसके जरिए एक साथ 64 लक्ष्यों को ट्रैक किया जा सकता है और 12 लक्ष्यों पर अटैक किया जा सकता है। इसमें हर मिसाइल में 60 किलोग्राम तक के विस्फोटक से लैस होती है। लद्दाख जैसे अत्यधिक ऊंचाई, ज्यादा ठंड और कम ऑक्सीजन वाले क्षेत्र में आकाश प्राइम ने तेज गति वाले दो हवाई लक्ष्यों को भेदा जो हर परिस्थिति में इसकी सटीकता को दर्शाता है। आपको बता दें कि मेड इन इंडिया को बढ़ावा देते हुए भारत अब रक्षा क्षेत्र में भी दूसरे देशों पर अपनी निर्भरता धीरे धीरे कम कर रहा है। हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारत के मेड इन इंडिया हथियारों का लोहा पूरी दुनिया ने माना।